विज्ञापन
This Article is From Mar 17, 2015

कोयला और माइनिंग बिल पर सेलेक्ट कमेटी में नहीं बनी बात, कांग्रेस, जेडीयू और लेफ्ट की असहमति

कोयला और माइनिंग बिल पर सेलेक्ट कमेटी में नहीं बनी बात, कांग्रेस, जेडीयू और लेफ्ट की असहमति
नई दिल्ली:

पिछले हफ्ते कोयला और खनन बिल पर बनाई गई संसद की सेलेक्ट कमेटियों में आम सहमति नहीं बन पाई है। दोनों ही समितियों में कुछ विपक्षी पार्टियों ने कमेटी की रिपोर्ट से अहमति जताते हुए डिसेंट नोट दिए हैं।

सूत्रों के मुताबिक असहमति के नोट पर कांग्रेस, जेडीयू और लेफ्ट पार्टियों के सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। माइनिंग पर कमेटी के सदस्य और सीपीआई नेता डी राजा ने कहा कि इसमें आदिवासियों के अधिकारों के साथ राज्यों के अधिकारों का सवाल है, रॉयल्टी का सवाल है... ये मामला संसद में भी उठेगा।

कोयला बिल और माइनिंग बिल लोकसभा से पास हो चुके हैं, लेकिन राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है। विपक्ष की मांग मानते हुए सरकार ने इन बिलों को सेलेक्ट कमेटी को सौंपा और 18 मार्च तक रिपोर्ट देने को कहा।

कोयला बिल में जहां निजी कंपनियों के लिए खुले बाज़ार में कोयला बेचने का रास्ता खोलने का विवाद है, वहीं माइनिंग बिल में राज्यों के अधिकारों और आदिवासियों को मिलने वाले मुनाफे को लेकर सवाल हैं।

सरकार कह रही है कि नई व्यवस्था में राज्यों को अधिक पैसा मिलेगा। इससे बीजेपी सेलेक्ट कमेटी में  तृणमूल और समाजवादी जैसी पार्टियों के रुख को नरम करने में कामयाब हुई है, लेकिन राज्यसभा में कई पार्टियां अपने-अपने संशोधन लाने पर अड़ी हैं। सरकार की रणनीति है कि अगर ये बिल राज्यसभा से पास नहीं होते, तो फिर उनको संसद के संयुक्त अधिवेशन में ले जाया जा सकता है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com