बिहार में बीजेपी से नाता तोड़कर आरजेडी के साथ सरकार बनाने को कई लोग नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा के रूप में भी देख रहे हैं. अब इस पर खुलकर चर्चा भी हो रही है. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष ललन सिंह ने अपने एक बयान में इसको हवा भी दे दी है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं, लेकिन अन्य पार्टियां चाहें तो एक विकल्प हो सकते हैं.
नीतीश कुमार के विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उभरने की चर्चा के बीच ललन सिंह ने कहा कि उनका मुख्य ध्यान 2024 के लोकसभा चुनावों में विपक्षी दलों को एकजुट करने पर है और वह बिहार विधानसभा में विश्वास मत के बाद विभिन्न दलों के नेताओं से मिलने के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का दौरा भी करेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे और जदयू के मुख्य चेहरा नीतीश कुमार विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के दावेदार नहीं हैं, लेकिन विपक्ष चाहता है तो वो एक विकल्प बन सकते हैं.
Bihar Chief Minister Nitish Kumar wants united opposition to take on BJP and he will work towards this: JD(U) president to PTI
— Press Trust of India (@PTI_News) August 19, 2022
अन्य विपक्षी दलों द्वारा उन्हें सत्ता संभालने के लिए समर्थन देने के मामले में पार्टी के विचार के बारे में पूछे जाने पर, ललन सिंह ने कहा, "यदि अन्य दल निर्णय लेते हैं और ऐसा चाहते हैं, तो यह एक विकल्प है." जद (यू) अध्यक्ष और लोकसभा सांसद ने कहा कि बिहार में नई सरकार बनाने के लिए भाजपा से नाता तोड़ लेने और अपने प्रतिद्वंद्वियों के साथ गठबंधन करने के बाद शरद पवार और अरविंद केजरीवाल सहित कई विपक्षी नेताओं ने नीतीश कुमार को बधाई दी है.
जेडीयू अध्यक्ष ने कहा, "सभी विपक्षी दलों को अगले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा से मुकाबला करने को लेकर नेतृत्व पर फैसला करने के लिए एक साथ बैठना चाहिए या सभी दलों को भाजपा को हराने के लिए एकजुट होकर लड़ना चाहिए और बाद में फैसला करना चाहिए कि उनका नेता कौन होगा, दोनों विकल्प हैं. नीतीश कुमार भाजपा से लड़ने वाले अन्य सभी दलों को एक मंच पर लाने के लिए काम करेंगे, ताकि एकजुट चुनौती पेश की जा सके."
Nitish Kumar not a contender for opposition's prime ministerial face but can be an option if other parties want so: JD(U) chief Lalan Singh
— Press Trust of India (@PTI_News) August 19, 2022
नीतीश कुमार के 1996 से अपने सहयोगी भाजपा के साथ 2013-17 के बीच की अवधि को छोड़कर संबंध तोड़ने के फैसले ने उनकी प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के बारे में अटकलों को हवा दी है. भाजपा नेताओं ने दावा किया है कि राजद-कांग्रेस-वाम गठबंधन के साथ हाथ मिलाने के उनके फैसले के पीछे यही महत्वाकांक्षा थी. हालांकि नीतीश कुमार ने ऐसे दावों को खारिज किया है.
ऐसा माना जाता है कि भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के आरोपों से बेदाग उनकी छवि कांग्रेस सहित अधिकांश विपक्षी दलों को निशाना बनाने के लिए भाजपा की दो तख्तियां- उन्हें संयुक्त विपक्ष के नेता के रूप में उभरने के लिए एक मजबूत विकल्प बनाती हैं.
ललन सिंह ने बिहार में 40 लोकसभा सीटों में से कम से कम 35 सीटें जीतने के भाजपा के लक्ष्य पर कहा कि पार्टी अकेले बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड में 2019 की अपनी सीटों में से 40 सीटें हार जाएगी. उन्होंने कहा कि 40 सीटें हारने से भाजपा की संख्या बहुमत से नीचे आ जाएगी. उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल को ऐसे परिदृश्य में देश भर में अपने भाग्य के बारे में चिंता करनी चाहिए. गौरतलब है कि 2019 के चुनावों में भाजपा ने 543 सदस्यीय लोकसभा में 303 सीटें जीती थीं.
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