
- CM की अध्यक्षता में कैबिनेट ने शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और कल्याण योजनाओं पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए
- पंचायती तकनीकी लेखपाल, आईटी सहायकों और मेडिकल इंटर्न्स के मानदेय तथा छात्रवृत्ति में वृद्धि का निर्णय लिया गया
- पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति योजना के लिए 241 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई
बिहार में चुनावी माहौल के बीच मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी. इस बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और कल्याण योजनाओं को लेकर बड़े फैसले लिए गए, इसका सीधा लाभ लाखों छात्रों, कर्मचारियों और आम जनता पर पड़ेगा. सरकार ने पंचायती तकनीकी लेखपाल और आईटी सहायकों का मानदेय बढ़ाने का निर्णय लिया गया. गरीब और पिछड़े वर्ग के बच्चों की पढ़ाई में मदद के लिए पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति योजना को 241 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई. साथ ही राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में इंटर्नशिप कर रहे छात्रों की छात्रवृत्ति भी बढ़ा दी गई है.
शिक्षा और रोजगार के मोर्चे पर सरकार ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति आवासीय विद्यालयों में 1,800 पदों के सृजन का निर्णय लिया. कला एवं संस्कृति विभाग में 25 नए पदों को मंजूरी मिली है. उच्च न्यायालय में भी कई नए पदों के सृजन के साथ-साथ बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति से जुड़ी संशोधित नियमावली को स्वीकृति दी गई है. बिहार उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति नियमावली को भी हरी झंडी मिली है, जिससे खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा मिलेगा.
- पंचायती तकनीकी लेखपाल, आईटी सहायकों और मेडिकल इंटर्न्स का मानदेय व छात्रवृत्ति बढ़ाने का फैसला सरकार ने लिया है.
- पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण छात्रवृत्ति योजना के लिए 241 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है.
- अनुसूचित जाति-जनजाति आवासीय विद्यालयों में 1,800 और कला-संस्कृति विभाग में 25 नए पद सृजित किए गए.
- किशनगंज, कटिहार, रोहतास, शिवहर, लखीसराय, अरवल और शेखपुरा में नए मेडिकल कॉलेज-अस्पताल को हरी झंडी मिली है.
- आतंकवादी निरोधक दस्ते के लिए 30% प्रतिमाह जोखिम भत्ता और उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति नियमावली को मंजूरी दी गई है.
स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा फैसला लेते हुए किशनगंज, कटिहार, रोहतास, शिवहर, लखीसराय, अरवल और शेखपुरा जिलों में नए चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पतालों के निर्माण की मंजूरी दी गई है. इससे स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा और मेडिकल शिक्षा को भी मजबूती मिलेगी.
बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भवन निर्माण विभाग के तहत पटना केंद्रीय पूल नियमावली में संशोधन किया गया है. पथ निर्माण विभाग के कई प्रस्तावों पर भी मुहर लगी है. मध्य निषेध विभाग की औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति और योजना एवं विकास विभाग के जन्म-मृत्यु पंजीकरण अधिनियम के तहत नियमावली 2025 में संशोधन को मंजूरी दी गई है.
सुरक्षा के मोर्चे पर आतंकवादी निरोधक दस्ते को 30% प्रतिमाह जोखिम भत्ता देने का निर्णय लिया गया है. साथ ही बिहार अमीन संपर्क प्रोन्नति के वेतन संरचना में बदलाव को स्वीकृति मिली है. विज्ञान-प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की कई योजनाओं को मंजूरी मिलने के साथ यह बैठक बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के लिए मील का पत्थर साबित हुई.
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