केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मुफ्त उपहार (Free Gifts) देने वाले राज्यों से शनिवार को कहा कि वे अपनी वित्तीय स्थिति (Financial situation) की समीक्षा करने के बाद ही लोगों को मुफ्त सुविधाएं मुहैया कराएं और उसके अनुसार ही बजटीय प्रावधान करें. सीतारमण ने कहा कि मुफ्त सुविधाओं को लेकर बहस शुरू होना अच्छा है.
वित्त मंत्री सीतारमण ने राज्यों से कहा, 'आप कोई वादा कर सकते हैं. मान लीजिए कि जब कोई राज्य सरकार कोई वादा करती है और लोगों को कुछ सुविधाएं मुफ्त में देने की बात कहती है. यह बिजली हो सकती है, यह कुछ और भी हो सकती है. मैं यह नहीं कह रही हूं कि आपको ऐसा नहीं करना चाहिए, लेकिन अपनी वित्तीय स्थिति की समीक्षा करने के बाद ही ऐसा करें.'
सीतारमण ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के आर्थिक प्रकोष्ठ की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही.
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ‘‘मुफ्त उपहार'' को लेकर कटाक्ष किया था और इसे देश के विकास के लिए रुकावट बताया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पानीपत में एक कार्यक्रम में कहा था कि ‘‘मुफ्त उपहार'' देने से भारत के आत्मनिर्भर बनने के प्रयास बाधित होते हैं और इनसे करदाताओं पर बोझ भी पड़ता है.
गौरतलब है कि पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार की ओर से लोगों को मुफ्त बिजली समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं.
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