नीरव मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले के आरोपी नीरव मोदी ने सिर्फ बैंकों को चूना नहीं लगाया है, बल्कि उनसे लिए हुए कर्ज को अपने पर्सनल ट्रस्ट में भी ट्रांसफ़र कर लिया है. पंजाब नेशनल बैंक से 2011 में 6498 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में सीबीआई ने नीरव मोदी की तीन कंपनियों का नाम गबन के पैसों के प्राप्तकर्ता के रूप में दर्ज किया है, जिनमें Diamonds 'R' Us, एक्सपोर्ट और स्टेलर डॉयमंड शामिल हैं. बता दें कि बैंक से मिली पहली शिकायत के आधार पर सीबीआई ने 6498 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़ा का एक अलग मामला दर्ज किया था. हालांकि, नीरव मोदी किसी तरह के फर्जीवाड़े से इनकार कर चुका है.
एनडीटीवी की पड़ताल में यह पाया गया कि एनडीएम फैमिली ट्रस्ट (नीरव दीपक मोदी फैमिली ट्रस्ट) के रूप में जानी जाने वाली इकाई ने वित्तीय वर्ष 2014-15 में Diamond 'R' US (नीरव मोदी की कंपनियों में से एक) के चालू खाते से 539 करोड़ रुपये निकाले. हालांकि, Diamond 'R' US और मोदी फैमिली ट्रस्ट का कोई सार्वजनिक रिकॉर्ड नहीं है.
साल 2014-15 के अपनी बैलेंस शीट्स में एएनएम ने Diamond 'R' US और अपने निवेशकों के बीच निम्नलिखित लेन देन को दर्ज किया है. यह लेन-देन दर्शाता है कि एएनएम और नीरव दीपक मोदी इंटरप्राइजेज ने Diamond 'R' US में केवल 2 करोड़ रुपये का निवेश किया है. जबकि नीरव फैमिली ट्रस्ट ने कंपनी से 539 करोड़ रुपये की निकासी की है.
इसके परिणामस्वरूप Diamond 'R' US ने अपनी बुक में 539 करोड़ रुपये का मैसिव निगेटिव बैलेंस दिखाया है. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे पता चलता है कि Diamond 'R' US, 2014 में ही दिवालिया हो गया था और फिर भी बैंकों से करोड़ों रुपये लेता रहा.
यह भी पढ़ें - PNB घोटाला: नीरव मोदी की कंपनी के सीनियर अधिकारी विपुल अंबानी सहित 5 लोग CBI की गिरफ्त में
इसके फिनांशियल हेल्थ में भी अगले वित्तीय वर्ष में कोई सुधार नहीं दिखाया गया है. 2015-16 में एएनएम के डिस्क्लोजर के मुताबिक, Diamond 'R' US की 98 फीसदी शेयर रखने वाली फैमिली ट्रस्ट ने अपने शेयरधारिता को 0.5 फीसदी तक कम कर दिया. जबकि कंपनी के पास अब भी 528 करोड़ रुपये थे.
इस मामले में नीरव मोदी के वकील विजय अग्रवाल से से पूछा गया तो उन्होंने इस पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. एनडीटीवी से उन्होंने कहा कि "मैंने इस बारे में मेरे मुवक्किल से सलाह नहीं ली है, मैंने इसे (इस आरोप को) नहीं देखा है और मैं इसे तब ही देखूंगा जब सीबीआई मुझसे पूछेगी."
जब एनडीटीवी ने की टीम Diamonds 'R' Us के आधिकारिक पते पर पहुंची तो वहां ड्यूटी गार्ड ने बताया कि यहां इस नाम से कुछ नहीं है. गार्ड ने कहा कि यह नीरव मोदी के परिवार की मालिकाना हक वाले चैरिटेबल ट्रस्ट का पता है.
VIDEO: नीरव मोदी और उनकी कंपनियों की 9 लग्ज़री कारें जब्त
एनडीटीवी की पड़ताल में यह पाया गया कि एनडीएम फैमिली ट्रस्ट (नीरव दीपक मोदी फैमिली ट्रस्ट) के रूप में जानी जाने वाली इकाई ने वित्तीय वर्ष 2014-15 में Diamond 'R' US (नीरव मोदी की कंपनियों में से एक) के चालू खाते से 539 करोड़ रुपये निकाले. हालांकि, Diamond 'R' US और मोदी फैमिली ट्रस्ट का कोई सार्वजनिक रिकॉर्ड नहीं है.
एनडीटीवी की पड़ताल में 539 करोड़ रुपये के लेनदेन को नीरव मोदी की दूसरी कंपनी, एएनएम एंटरप्राइजेज के वित्तीय खुलासे में देखा गया है. हैरान करने वाली बात है कि इसमें नीरव मोदी का करीब सौ फीसदी हिस्सा है. एनएनएम डिस्क्लोजर के मुताबिक, एएनएम एंटरप्राइजेज डायमंड 'आर' यूएस में तीन भागीदारों में से एक है, जिनमें अन्य एनडीएम फैमिली ट्रस्ट और नीरव दीपक मोदी इंटरप्राइजेड प्राइवेट लिमिटेड है. यानी Diamond 'R' US में तीन निवेशक थे. एएनएम इंटरप्राइज़ेज़ के पास एक फ़ीसदी हिस्सा था. एनडीएम इंटरप्राइज़ेज़ का भी एक फ़ीसदी हिस्सा था. जबकि एनडीएम फ़ैमिली ट्रस्ट की हिस्सेदारी 98 फ़ीसदी थी.
साल 2014-15 के अपनी बैलेंस शीट्स में एएनएम ने Diamond 'R' US और अपने निवेशकों के बीच निम्नलिखित लेन देन को दर्ज किया है. यह लेन-देन दर्शाता है कि एएनएम और नीरव दीपक मोदी इंटरप्राइजेज ने Diamond 'R' US में केवल 2 करोड़ रुपये का निवेश किया है. जबकि नीरव फैमिली ट्रस्ट ने कंपनी से 539 करोड़ रुपये की निकासी की है.
इसके परिणामस्वरूप Diamond 'R' US ने अपनी बुक में 539 करोड़ रुपये का मैसिव निगेटिव बैलेंस दिखाया है. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे पता चलता है कि Diamond 'R' US, 2014 में ही दिवालिया हो गया था और फिर भी बैंकों से करोड़ों रुपये लेता रहा.
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इसके फिनांशियल हेल्थ में भी अगले वित्तीय वर्ष में कोई सुधार नहीं दिखाया गया है. 2015-16 में एएनएम के डिस्क्लोजर के मुताबिक, Diamond 'R' US की 98 फीसदी शेयर रखने वाली फैमिली ट्रस्ट ने अपने शेयरधारिता को 0.5 फीसदी तक कम कर दिया. जबकि कंपनी के पास अब भी 528 करोड़ रुपये थे.
इस मामले में नीरव मोदी के वकील विजय अग्रवाल से से पूछा गया तो उन्होंने इस पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. एनडीटीवी से उन्होंने कहा कि "मैंने इस बारे में मेरे मुवक्किल से सलाह नहीं ली है, मैंने इसे (इस आरोप को) नहीं देखा है और मैं इसे तब ही देखूंगा जब सीबीआई मुझसे पूछेगी."
जब एनडीटीवी ने की टीम Diamonds 'R' Us के आधिकारिक पते पर पहुंची तो वहां ड्यूटी गार्ड ने बताया कि यहां इस नाम से कुछ नहीं है. गार्ड ने कहा कि यह नीरव मोदी के परिवार की मालिकाना हक वाले चैरिटेबल ट्रस्ट का पता है.
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