चंडीगढ़:
सीबीआई ने न्यायाधीश के दरवाजे धन पहुंचाने के 2008 के एक मामले में न्यायमूर्ति निर्मल यादव और चार अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर कर दिया। यह आरोपपत्र सीबीआई की विशेष न्यायाधीश ऋतु टैगोर की अदालत में दायर किया गया। यह भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 11 और 12 और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी के तहत दायर किया गया है। धारा 120-बी साजिश से जुड़ी है। सीबीआई ने न्यायमूर्ति निर्मल के खिलाफ 25 पृष्ठों का आरोपपत्र दायर किया, जिसके बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने मामले की सुनवाई छह अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी। इस घोटाले के समय पर वह पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की न्यायाधीश थीं। आरोपपत्र में उनके अलावा, स्थानीय वकील संजीव बंसल, दिल्ली के व्यापारी रवींद्र सिंह, निर्मल सिंह और राजीव का नाम भी दर्ज है। यह मामला तब सुखिर्यों में आया, जब पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की अन्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति निर्मलजीत कौर के घर पर गलती से 15 लाख रुपये पहुंचा दिए गए। इसके बाद उन्होंने इस मामले की जानकारी चंडीगढ़ पुलिस को दी। कहा जा रहा था कि यह राशि नामों में भ्रम के कारण गलती से उनके घर पहुंचा दी गई थी।
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