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छत्तीसगढ़ में कुएं से संदिग्ध जहरीली गैस के रिसाव की घटनाओं में 9 लोगों की मौत

अधिकारियों ने बताया कि जांजगीर-चांपा जिले में बिर्रा थाना क्षेत्र के किकिरदा गांव में हुई घटना में एक व्यक्ति और उसके दो बेटों सहित पांच लोगों की मौत हो गई.

छत्तीसगढ़ में कुएं से संदिग्ध जहरीली गैस के रिसाव की घटनाओं में 9 लोगों की मौत
कोरबा:

छत्तीसगढ़ में शुक्रवार को दो अलग-अलग घटनाओं में कुएं से संदिग्ध जहरीली गैस के रिसाव से 16 वर्षीय लड़की सहित नौ लोगों की मौत हो गई. पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इन घटनाओं पर दुख व्यक्त किया तथा मृतकों के परिजनों को नौ-नौ लाख रुपये की सहायता प्रदान करने घोषणा की.

अधिकारियों ने बताया कि जांजगीर-चांपा जिले में बिर्रा थाना क्षेत्र के किकिरदा गांव में हुई घटना में एक व्यक्ति और उसके दो बेटों सहित पांच लोगों की मौत हो गई जबकि पड़ोसी कोरबा जिले के कटघोरा थाना क्षेत्र के जुराली गांव में इसी तरह की घटना में पिता-पुत्री सहित चार लोगों की जान चली गई.

बिलासपुर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक संजीव शुक्ला ने बताया कि किकिरदा गांव में जान गंवाने वाले लोगों की पहचान रामचंद्र जायसवाल (60), रमेश पटेल (50), उनके दो बेटों राजेंद्र (20) और जितेंद्र (25) तथा टिकेश्वर चंद्र (25) के रूप में हुई है.

शुक्ला ने बताया कि जायसवाल अपने घर के परिसर में बने 30 फुट गहरे कुएं में गिरी लकड़ी को निकालने के लिए उतरे थे और जब जायसवाल बेहोश हो गए तब उनकी पत्नी ने मदद के लिए आवाज लगाई जिसके बाद पड़ोस में रहने वाले पटेल परिवार के तीन सदस्य कुएं में उतरे.

पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि जब उनमें से कोई भी बाहर नहीं आया तब अन्य पड़ोसी चंद्रा भी कुएं में उतरे लेकिन वह भी बाहर नहीं निकल सके, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी. शुक्ला ने कहा कि आशंका है कि कुएं के भीतर जहरीली गैस के कारण लोगों की मौत हुई है. जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के सही कारणों के बारे में जानकारी मिल सकेगी.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जायसवाल ने अपने घर में बोरवेल कराने के बाद से पुराने कुएं का करीब चार महीने से उपयोग नहीं किया था. उन्होंने बताया कि कुआं करीब 30 फीट गहरा है और उसमें पांच फीट तक पानी है.

अधिकारियों ने बताया कि जायसवाल परिवार ने कुएं के मुंह को ढकने के लिए लकड़ी की पट्टियों का इस्तेमाल किया था. पिछले कुछ दिनों में इलाके में आंधी और बारिश के बाद एक पट्टी नीचे गिर गई थी.

उन्होंने कहा कि आशंका है कि कुआं लंबे समय से इस्तेमाल में नहीं था और उसे ढक दिया गया था, जिसके कारण जहरीली गैस निकल रही थी. कोरबा जिले में कटघोरा थाना क्षेत्र के जुराली गांव में भी शुक्रवार को इसी तरह की एक घटना में पिता-पुत्री समेत चार लोगों की मौत हो गई.

कोरबा की घटना में मारे गए लोगों की पहचान जहरू पटेल (60), उनकी बेटी सपीना (16) और परिवार के दो अन्य सदस्यों शिवचरण पटेल (45) और मनबोध पटेल (57) के रूप में हुई है.

कोरबा जिले के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार जहरू दोपहर करीब एक बजे काम के दौरान कुएं में गिर गये और जब इसकी जानकारी उसकी बेटी को मिली तब वह कुएं में उतर गई. तिवारी ने बताया कि जब पिता-पुत्री बाहर नहीं आए तब दो अन्य लोग कुएं में उतरे और बेहोश हो गए.

तिवारी ने कहा, 'प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि कुएं के भीतर कोई जहरीली गैस थी, जिसके कारण इन लोगों का दम घुट गया और वे डूब गए. जांच के बाद ही इस संबंध में अधिक जानकारी मिल सकेगी.''

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दोनों घटनाओं में राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के कर्मचारियों ने शवों को बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए भेजा.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दोनों घटनाओं पर दुख व्यक्त किया और संबंधित अधिकारियों को प्रत्येक मृतक के परिजनों को नौ लाख रुपए की सहायता राशि देने का निर्देश दिया .

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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