नई दिल्ली:
राजस्थान के आरटीआई कार्यकर्ता निखिल डे को 4 महीने की सज़ा सुनाई गई है. 20 साल पुराने मामले में अजमेर की किशनगढ़ कोर्ट ने निखिल डे समेत 4 लोगों को यह सज़ा सुनाई है. इनके खिलाफ बिना इजाज़त गांव में प्रवेश करने और चोट पहुंचाने का मामला है.
दरअसल 1998 में हरमदा पंचायत के सरपंच पर विकास कार्य में भ्रष्टाचार की कई शिकायतों के बाद ये लोग सरपंच से पूरा ब्योरा मांगने पहुंचे. कार्यकर्ताओं की दलील है कि ब्योरा मांगने से गुस्साए सरपंच और उसके लोगों ने उनकी पिटाई कर दी और बाद में उल्टे उनके खिलाफ ही केस दर्ज करा दिया. सबूतों के अभाव में पुलिस ने केस बंद कर दिया, लेकिन सरपंच ने 2 साल बाद कोर्ट में इस मामले को फिर से खुलवाया.
दरअसल 1998 में हरमदा पंचायत के सरपंच पर विकास कार्य में भ्रष्टाचार की कई शिकायतों के बाद ये लोग सरपंच से पूरा ब्योरा मांगने पहुंचे. कार्यकर्ताओं की दलील है कि ब्योरा मांगने से गुस्साए सरपंच और उसके लोगों ने उनकी पिटाई कर दी और बाद में उल्टे उनके खिलाफ ही केस दर्ज करा दिया. सबूतों के अभाव में पुलिस ने केस बंद कर दिया, लेकिन सरपंच ने 2 साल बाद कोर्ट में इस मामले को फिर से खुलवाया.
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