सीबीआई चीफ आलोक वर्मा के पास नहीं थी राफेल डील मामले की फाइल.
नई दिल्ली:
सीबीआई ने उन खबरों को खारिज कर दिया कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे समेत कई महत्वपूर्ण मामलों से संबंधित फाइलें उस समय एजेंसी के निदेशक आलोक वर्मा के विचाराधीन थी, जब केंद्र द्वारा उनकी शक्तियों को वापस लिया गया था. विवाद के केंद्र में आए आलोक वर्मा और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने मंगलवार देर रात आदेश जारी कर अवकाश पर भेज दिया था.
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प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली नियुक्ति समिति ने मंगलवार की रात में आदेश जारी कर एजेंसी के निदेशक का प्रभार संयुक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव को सौंप दिया था. गुरुवार को एक खबर में दावा किया गया कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे से संबंधित एक फाइल समेत कई महत्वपूर्ण फाइलें उस समय आलोक वर्मा के पास विचाराधीन थी, जब उनकी शक्तियों को वापस लिया गया था.
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सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने एक इस खबर को झूठा बताया है. उन्होंने कहा, 'ये बातें निहित स्वार्थों द्वारा गढ़ी जा रही है और सीबीआई में हर स्तर पर प्रत्येक फाइल का पूरा रिकॉर्ड रखा जाता है.' वकील प्रशांत भूषण और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने इस सौदे में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में चार अक्टूबर को वर्मा को एक विस्तृत शिकायत दी थी. भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दी गई इस 'विस्तृत' शिकायत में भूषण और शौरी ने उनके दावे को पुख्ता करने के लिए दस्तावेज भी सौंपे थे.
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सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने एक इस खबर को झूठा बताया है. उन्होंने कहा, 'ये बातें निहित स्वार्थों द्वारा गढ़ी जा रही है और सीबीआई में हर स्तर पर प्रत्येक फाइल का पूरा रिकॉर्ड रखा जाता है.' वकील प्रशांत भूषण और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने इस सौदे में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में चार अक्टूबर को वर्मा को एक विस्तृत शिकायत दी थी. भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दी गई इस 'विस्तृत' शिकायत में भूषण और शौरी ने उनके दावे को पुख्ता करने के लिए दस्तावेज भी सौंपे थे.
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