केंद्र ने वाट्सअप पर वायरल हो रहे उस खबर को फर्जी करार दिया है, जिसमें दावा किया जा रहा था कि केंद्र के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता ( DA) को मौजूदा 34 प्रतिशत से 38 प्रतिशत कर दिया गया है. सरकार ने कहा है कि ऐसा कोई आदेश नहीं निर्गत किया गया है. पीआईबी फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने अपने ट्विटर हैंडल पर खबर की प्रति को शेयर करते हुए कहा है कि वाट्सअप (WhatsApp) पर प्रसारित एक फर्जी आदेश में दावा किया जा रहा है कि महंगाई भत्ते की अतिरिक्त किस्त 01.07.2022 से प्रभावी होगी. पर वित्त मंत्रालय की ओर से कोई भी ऐसा आदेश जारी नहीं किया है.
A #Fake order circulating on #WhatsApp is claiming that the additional instalment of Dearness Allowance will be effective from 01.07.2022#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 25, 2022
▶️Department of Expenditure has not issued any such order@FinMinIndia pic.twitter.com/UZBxDsZuol
फर्जी पत्र पर तिथि 23 अगस्त 2022 तिथि अंकित है. साथ ही इस पर भारत सरकार और वित्त मंत्रालय लिखा हुआ है. पत्र में अलग-अलग 7 बिंदुओं में कई चीजों का जिक्र किया गया है.
पत्र के पहले बिंदु में लिखा हुआ है कि राष्ट्रपति यह निर्णय लेते हुए खुश हैं कि कर्मचारियों को दिया जाने वाला महंगाई भत्ता 1 जुलाई 2022 से बढ़ाकर 34 से 38 प्रतिशत कर दिया जाएगा. पीआईबी की पड़ताल में ये पता चला कि इसमें दी गई जानकारी पूरी तरह से गलत है.
बता दें कि बढ़ती महंगाई के बीच राहत देने के लिए सरकारी कर्मचारियों को सैलरी में जोड़कर महंगाई भत्ता दिया जाता है. सरकार खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए निर्धारित समय पर इसे संशोधित किया जाता है. सरकार केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को भी यह राहत डीआर या महंगाई राहत के तौर पर देती है.
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