पिछले दिनों सोशल मीडिया पर और कुछ अख़बारों में लगातार ये ख़बर दिखी कि बनारस में तीन लाख वोटर फर्जी पाए गए हैं। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इसको लेकर गुरुवर को एक ट्वीट भी कर दिया है। लेकिन, एनडीटीवी इंडिया की पड़ताल में पता चला कि वोटर लिस्ट में डुप्लीकेट नाम हटाने की आम मुहिम में करीब 25 हजार नाम ऐसे मिले जिन्हें हटाया गया।
लोकसभा चुनाव के वक्त वोटर बनाने की कवायद देश भर में हुई। इसमें कई लाख नए वोटर तो बने उन्होंने अपने वोटों का प्रयोग भी किया, लेकिन किसी दूसरी जगह भी उनका नाम था। ऐसे ही डुप्लीकेट नामों को हटाने की मुहिम शुरू की गई है। वाराणसी में चल रही इस मुहिम में अब तक 23664 डुप्लीकेट वोटर मिले हैं, जिनका नाम लिस्ट से हटाया गया है।
वाराणसी में वोटर लिस्ट को दुरुस्त करने में जुटा चुनाव आयोग
अधिकारी समझा रहे हैं कि आखिर डुप्लीकेट वोटरों की पहचान किस तरह की जा रही है। मकसद है, उन्हें वोटर लिस्ट से हटाना जिनका नाम दो जगहों पर है। इस अभियान में अब तक 23664 मतदाता डुप्लीकेट पाए गए हैं।
वाराणसी के ज़िलाधिकारी प्रांजल यादव ने एनडीटीवी ने बताया कि इलेक्शन कमीशन ऑफ इण्डिया द्वारा पूरे इंडिया में हर डिस्ट्रिक्ट इलेक्टोरल लिस्ट में दो जगह नाम को जांचा जा रहा है, जहां ऐसा पाया जाता है वहां उसे हटाने का काम किया जाता है।
वोटर लिस्ट की सत्यापन के लिए चुनाव आयोग ने एक नया सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इसके ज़रिये डुप्लीकेट वोटरों को हटाया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इस तरह के सत्यापन से वोटर लिस्ट बेहतर होगी और वोटरों की सही संख्या का पता भी लगेगा। यादव ने बताया कि वाराणसी में 23600 नाम ऐसे पाए गए हैं जो अब यहां नहीं रहते हैं, जिनके नाम हम हटा देंगे तो हमारा इलेक्टोरल रोल और सुधर हो जाएगा।
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