चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Elections) में भाजपा की जीत के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी हो गया है. बीजेपी उम्मीदवार मनोज सोनकर (Manoj Sonkar) ने ये चुनाव जीत लिया है, मगर आम आदमी पार्टी इसे 'दिनदहाड़े हुई बेईमानी' बता रही है. आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने इस मामले पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय (Punjab and Haryana High Court) का रुख किया है. इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पूरे मामले में चंडीगढ़ नगर निगम और प्रशासन को नोटिस जारी किया और तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है.
आप प्रतिनिधि कुलदीप कुमार के वकील ने कहा, हाइकोर्ट ने 10 बजे चुनाव कराने का समय दिया था पर पीठासीन अधिकारी 10:40 पर आते है और वोटिंग शुरू करते है. पीठासीन अधिकारी वोट पर हस्ताक्षर करते समय खुद से ही. निशान बना कर 8 वोट को इनवेलिड कर देते है. वोट के दौरान की गई वीडियोग्राफी को हम सबूत के तौर पर पेश करते हैं की कैसे पीठासीन अधिकारी ने खुद से वोट खराब किए.
हाइकोर्ट ने इस पूरे मामले में चण्डीगढ़ नगर निगम और प्रशासन को नोटिस जारी करके जवाब मांगा. हाइकोर्ट ने कहा पहले चंडीगढ़ नगर निगम और प्रशासन का पक्ष सुन लेते है फिर आगे आदेश देंगे. हाईकोर्ट में चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 3 हफ्ते का समय दिया
जानकारी के मुताबिक, मनोज सोनकर का मुकाबला आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार कुलदीप कुमार से था. देखा जाए तो भाजपा पिछले आठ वर्षों से मेयर पद पर काबिज है. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश के बाद आज चंडीगढ़ में मेयर का चुनाव हुआ था. इस चुनाव में सीधा मुकाबला कांग्रेस-आम आदमी पार्टी (आप) के गठबंधन और बीजेपी के बीच था. ऐसे में नतीजा भाजपा के पक्ष में गया.
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