
प्रधानमंत्री मोदी की कैबिनेट में फेरबदल को लेकर अटकलें तेज हैं , इस बार कैबिनेट में आ सकते हैं कई नाम
- सुरेश प्रभु नहीं रहेंगे रेल मंत्री
- रविशंकर प्रसाद से लिया जाएगा एक मंत्रालय
- जेडीयू को भी दी जाएगी मंत्रिमंडल में जगह
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पढ़ें : कामकाज की एक्सेल शीट देखकर पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने लिया मंत्रियों को हटाने का फैसला
गौरतलब है कि फेरबदल से पहले बीजेपी के कोटे से कुछ मंत्रियों ने अपने इस्तीफे सौंप दिए हैं. इन नेताओं को पार्टी कार्यों में लगाए जाने की बात कही जा रही है. हालांकि इस्तीफे के पीछे कुछ और वजह बताई जा रही है. सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों के प्रदर्शन के हिसाब से आंकलन किया गया है. इस बार काम के आधार पर सकारात्मक या नकारात्मक श्रेणियां बनाई गईं.
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इस बार रैंकिंग नहीं दी गई. मंत्रियों के काम के आधार पर उनका काम सकारात्मक या नकारात्मक कहा गया. आकलन एक्सेल शीट पर तैयार हुआ. फेरबदल इसी आधार पर किया जा रहा है. आकलन पीएम मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को दिया गया.
वीडियो : रविवार को होगा मंत्रिमंडल का विस्तार
किस आधार पर लिया गया मंत्रियों से इस्तीफा
कलराज मिश्र 75 साल से अधिक उम्र के हो गए हैं और मंत्रालय में संतोषजनक प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं. नोटबंदी के बाद लघु और मंझौले उद्योगों को समस्या हुई है. वहीं, संजीव बालियान का कार्यशैली संतोषजनक नहीं रहा है. उन्हें संगठन में बड़ी ज़िम्मेदारी मिल सकती है. फग्गन सिंह कुलस्ते को मप्र चुनावों के मद्देनज़र प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल सकती है. वहीं, महेंद्र नाथ पांडे के यूपी बीजेपी अध्यक्ष बन गए है और एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत है. राजीव प्रताप रुडी के मंत्रालय का काम संतोषजनक नहीं रहा है. नए मंत्रालय में अधिक उपलब्धि नहीं मिली. पीएम चाहते थे कौशल विकास में बड़ी उपलब्धि हासिल हो. उन्हें भी संगठन में बड़ी ज़िम्मेदारी दी जा सकती है.
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