शिवसेना नेता और राज्य के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने शुक्रवार को औरंगाबाद में कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र में नई सरकार असंवैधानिक है और यह राक्षसी महत्वाकांक्षा से पैदा हुई है. आदित्य ठाकरे ने अपनी 'शिव संवाद यात्रा' के दो दिवसीय औरंगाबाद चरण के दौरान ये बात कही. इस दौरान उन्होंने वैजापुर, खुल्लाबाद और एलोरा का दौरा किया. उन्होंने कहा, "यह सरकार, जो राक्षसी महत्वाकांक्षा के कारण बनी है, असंवैधानिक और अवैध है. यह एक अस्थायी सरकार है और गिर जाएगी."
आदित्य ठाकरे ने दावा किया कि विद्रोह की योजना पिछले साल दिवाली के समय के आसपास शुरू हुई थी, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे दो सर्जरी के बाद स्वस्थ हो रहे थे. उन्होंने कहा, "इन लोगों (शिंदे गुट) ने जो किया वह मानवता के खिलाफ था. जब उनके नेता (उद्धव) कोरोनो वायरस के कारण बीमार पड़ गए, तो वे (विद्रोही) सूरत (जून में) चले गए."
उन्होंने कहा कि नई सरकार द्वारा औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर करने की प्रक्रिया को रोकने और फिर इसे फिर से जारी करने (नाम के साथ 'छत्रपति' जोड़कर) करने का निर्णय बचकाना था, उन्होंने कहा कि यहां हवाई अड्डे का नाम बदलना अधर में लटका हुआ है.
शिवसेना नेता ने कहा, "इन विधायकों ने पिछले तीन-चार कार्यकालों की तुलना में ढाई साल (महा विकास अघाड़ी शासन के) में अधिक पाने के बावजूद बगावत की. लोगों को उनके बारे में (चुनावों में) फैसला करने दें." 'मातोश्री' (ठाकरे का निजी आवास और पार्टी की सत्ता की सीट) के दरवाजे उन लोगों के लिए खुले रहेंगे जो चले गए.
शिवसेना के पूर्व लोकसभा सांसद चंद्रकांत खैरे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने एकनाथ शिंदे को पकड़ लिया, क्योंकि उसे एमवीए सरकार को हटाना मुश्किल हो रहा था, जबकि कन्नड़ विधायक उदयसिंह राजपूत ने कहा कि ठाकरे ब्रांड हमेशा चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त था.
महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य अंबादास दानवे ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि एमवीए सरकार ने औरंगाबाद क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए 2,600 करोड़ रुपये दिए हैं. उन्होंने दावा किया कि शिंदे खेमे में शामिल होने वाला कोई भी विधायक अब से विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाएगा.
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