IC 814 web series controversy हाल ही में रिलीज क्राइम थ्रिलर ड्रामा टेलीविजन मिनी सीरीज 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' की कहानी और तथ्यों को छिपाने के आरोपों के कारण इंटरनेट आलोचनाओं और प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है. इस बीच सरकार ने नेटफ्लिक्स इंडिया के कंटेंट हेड को तलब किया है. केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय का समन सैकड़ों सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा वेब सीरीज के निर्माताओं पर जानबूझकर अपहर्ताओं के नाम बदलकर "भोला" और "शंकर" करने का आरोप लगाने के बाद आया है. वेब सीरीज़ अनुभव सिन्हा द्वारा निर्देशित है और फ्लाइट के कैप्टन देवी शरण और पत्रकार सृंजॉय चौधरी की किताब 'फ्लाइट इनटू फियर: द कैप्टन स्टोरी' से प्रेरित है.
हाल ही में रिलीज क्राइम थ्रिलर ड्रामा टेलीविजन मिनी सीरीज 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' की कहानी और तथ्यों को छिपाने के आरोपों के कारण इंटरनेट आलोचनाओं और प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है. अनुभव सिन्हा द्वारा निर्देशित यह सीरीज इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 814 के अपहरण पर आधारित है. आतंकवादी संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन के छह आतंकवादियों- इब्राहिम अतहर, शाहिद अख्तर सईद, सनी, अहमद काजी, जहूर मिस्त्री और शाकिर ने भारत की जेल में बंद पाकिस्तानी आतंकवादियों - अहमद उमर सईद शेख, मसूद अजहर और मुश्ताक अहमद जरगर की रिहाई की मांग को लेकर फ्लाइट को हाईजैक किया था.
हालांकि, स्ट्रीमिंग सीरीज में कथित तौर पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के गुनाह छिपाने, क्रूर आतंकवादियों को मानवीय रूप देने और इसके भ्रामक कंटेंट के लिए इसे सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. कई यूजरों ने आरोप लगाया है कि निर्माताओं ने अपहरणकर्ताओं का धर्म जानबूझकर बदल दिया है. एक इंटरनेट यूजर ने एक्स पर लिखा, 'कंधार विमान अपहरणकर्ताओं के मूल नाम इब्राहिम अतहर, शाहिद अख्तर, सनी अहमद, जहूर मिस्त्री और शाकिर हैं. अनुभव सिन्हा की वेब सीरीज 'आईसी 814' में अपहरणकर्ताओं को भोला, शंकर के रूप में दिखाया गया है. सिनेमाई तौर पर इस तरह से वाइटवॉशिंग की जाती है.'
एक अन्य ने लिखा, 'आईसी 814 के अपहरणकर्ता घातक, क्रूर थे लेकिन नेटफ्लिक्स सीरीज में उन्हें मानवीय दिखाने की भी कोशिश करना सही नहीं है.' तीसरे ने लिखा, 'मैंने भी इस पर गौर किया और बेहद हैरान हुआ. ऐसा करना अच्छी बात नहीं है. मुझे आश्चर्य है कि नेटफ्लिक्स की टीम इतनी लापरवाह कैसे हो सकती है कि ऐसा होने दे.'
हालांकि, जनवरी 2000 की विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, चीफ, डॉक्टर, बर्गर, भोला और शंकर, वे नाम थे जिनसे अपहरणकर्ता हमेशा एक-दूसरे को संबोधित करते थे.'173 ऑवर्स इन कैप्टिविटी: द हाइजैकिंग ऑफ आईसी814' नामक पुस्तक लिखने वाले पत्रकार-लेखक-गीतकार नीलेश मिश्रा ने एक्स पर लिखा, 'शंकर, भोला, बर्गर, डॉक्टर और उस समय जेल में बंद मसूद अजहर का भाई चीफ. सभी अपहरणकर्ताओं ने झूठे नाम रखे थे. अपहरण के दौरान वे एक दूसरे को इन्हीं नामों से बुलाते थे और यात्रियों ने भी उन्हें इन्हीं नामों से पुकारा था.'
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