नई दिल्ली:
NEETअध्यादेश पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से गहरी नाराजगी जताई और कहा कि कोर्ट के फैसले पर अध्यादेश पहली नजर में उपयुक्त नहीं लगता है। कोर्ट ने यहां तक कहा कि इसके लाए जाने की जरूरत भी नहीं थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अध्यादेश लाकर केंद्र राज्यों को कह रहे हैं कि कानून लागू मत करो। सरकार का एक न्यूनतम स्टेंडर्ड होना चाहिए, लेकिन अब कोई फैसला लेंगे तो अव्यवस्था फैलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, NEET हमारा फैसला सिर्फ छात्रों के हित में नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए था। हम इसके जरिए डॉक्टरी पेशे के लिए एक बेंचमार्क सेट करना चाहते थे।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अध्यादेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी। बता दें कि 24 जुलाई को NEET फेज दो परीक्षा होनी है। इसका मतलब साफ है कि राज्यों से सरकारी मेडिकल कालेजों को NEET से छूट बरकरार रहेगी। केंद्र की ओर से AG ने कहा कि ये अध्यादेश सिर्फ इसी साल के लिए है जो राज्य नीट लागू करना चाहते हैं वो कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अध्यादेश लाकर केंद्र राज्यों को कह रहे हैं कि कानून लागू मत करो। सरकार का एक न्यूनतम स्टेंडर्ड होना चाहिए, लेकिन अब कोई फैसला लेंगे तो अव्यवस्था फैलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, NEET हमारा फैसला सिर्फ छात्रों के हित में नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए था। हम इसके जरिए डॉक्टरी पेशे के लिए एक बेंचमार्क सेट करना चाहते थे।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अध्यादेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी। बता दें कि 24 जुलाई को NEET फेज दो परीक्षा होनी है। इसका मतलब साफ है कि राज्यों से सरकारी मेडिकल कालेजों को NEET से छूट बरकरार रहेगी। केंद्र की ओर से AG ने कहा कि ये अध्यादेश सिर्फ इसी साल के लिए है जो राज्य नीट लागू करना चाहते हैं वो कर सकते हैं।
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