नई दिल्ली:
देशभर में मेडिकल (MBBS) और बीडीएस (BDS) के दाखिले के लिए एक ही परीक्षा नीट (NEET) के मामले में दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार, 15 जुलाई को सुनवाई करेगा। जस्टिस एल नागेश्वर राव ने इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है, क्योंकि वह पहले इस केस में पैरवी कर चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट के सारे सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में इसी साल से NEET लागू करने के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने 24 मई को एक अध्यादेश जारी किया था और इसके जरिए राज्य सरकारों को अपने कॉलेजों में इस साल के लिए NEET से छूट दे दी थी। इसी अध्यादेश को असंवैधानिक करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ कोई अपील नहीं की जा सकती, इसलिए अध्यादेश को रद्द किया जाए। साथ ही याचिका में देशभर में सेंट्रल काउंसलिंग की व्यवस्था करने की मांग भी की गई है। दरअसल 28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए NEET को लागू कर दिया था और इसके बाद राज्यों और प्राइवेट कालेजों की पुनर्विचार याचिका भी खारिज कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट के सारे सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में इसी साल से NEET लागू करने के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने 24 मई को एक अध्यादेश जारी किया था और इसके जरिए राज्य सरकारों को अपने कॉलेजों में इस साल के लिए NEET से छूट दे दी थी। इसी अध्यादेश को असंवैधानिक करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ कोई अपील नहीं की जा सकती, इसलिए अध्यादेश को रद्द किया जाए। साथ ही याचिका में देशभर में सेंट्रल काउंसलिंग की व्यवस्था करने की मांग भी की गई है। दरअसल 28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए NEET को लागू कर दिया था और इसके बाद राज्यों और प्राइवेट कालेजों की पुनर्विचार याचिका भी खारिज कर दी थी।
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