नीट परीक्षा (NEET Examination) में ग्रेस मार्क्स पाए छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित की जाएगी . नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने दोबारा परीक्षा आयोजित करने का प्रस्ताव रखा जिसे कोर्ट ने मान लिया है. वहीं पेपर लीक की जांच और परीक्षा रद्द करने की मांग पर 8 जुलाई को सुनवाई होगी. कोर्ट ने फिलहाल 6 जुलाई से होने वाली काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है.
कोर्ट ने क्या आदेश दिया है?
देशभर के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए होने वाली नीट परीक्षा पर उठ रहे सवालों के बीच आज कोर्ट ने एक अहम फ़ैसला किया . सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए 1563 छात्रों को मिले ग्रेस मार्क्स पर फ़ैसला सुनाया. कोर्ट ने इन छात्रों को मिले ग्रेस मार्क्स को रद्द कर दिया है. इन 1563 छात्रों के किए दोबारा परीक्षा आयोजित की जाएगी.
हालांकि कोर्ट ने 6 जुलाई से शुरू होने वाली काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने से फ़िलहाल इनकार कर दिया . पेपर लीक की जांच और परीक्षा रद्द कर दोबारा करने से जुड़ी याचिकाओं पर कोर्ट ने NTA को नोटिस जारी किया. NTA को नोटिस का जवाब देने के लिए 2 हफ्तों का समय दिया गया है. इन याचिकाओं पर 8 जुलाई को अगली सुनवाई होगी.
छात्र क्यों हैं परेशान?
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर छात्र बंटे हुए हैं. जिन छात्रों को ग्रेस मार्क्स मिला है उनका मानना है कि समय कम मिलने के कारण उन्हें ग्रेस दिया गया था. हालांकि अब एक बार फिर अगर वो एग्जाम देते हैं तो जरूरी नहीं है कि वो पिछले एग्जाम की तरह प्रदर्शन कर पाएंगे. अगर वो एग्जाम नहीं देते हैं तो उन्हें नंबर का नुकसान उठाना होगा.
ग्रेस मार्क्स पर कोर्ट के फ़ैसले पर छात्रों ने खुशी तो ज़ाहिर की लेकिन उनकी शिकायत है कि पेपर लीक असल मुद्दा है जिसपर न्याय मिलना चाहिए. इस साल नीट की परीक्षा में करीब 24 लाख छात्र शरीक हुए थे जिनमें करीब 13 लाख छात्र उत्तीर्ण हुए . उत्तीर्ण हुए छात्रों के लिए मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन की प्रक्रिया काउंसलिंग के साथ 6 जुलाई को शुरू होगी .
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