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This Article is From Aug 30, 2018

एक साथ चुनाव के लिए संविधान में संशोधन करके कारगर फार्मूला बनाने की जरूरत : लॉ कमीशन

संसदीय और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने पर लॉ कमीशन ने अपनी अंतिम सिफारिश सरकार को देना टाल दिया

एक साथ चुनाव के लिए संविधान में संशोधन करके कारगर फार्मूला बनाने की जरूरत : लॉ कमीशन
प्रतीकात्मक फोटो.
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
मुद्दे पर आगे बहस और जांच की जरूरत
एक साथ चुनाव आदर्श, लेकिन इसके लिए संविधान में संशोधन जरूरी
12 राज्यों, एक केंद्र शासित प्रदेश का चुनाव आम चुनावों के साथ संभव
नई दिल्ली: संसदीय और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के मामले में लॉ कमीशन ने फिलहाल अपनी अंतिम सिफारिश सरकार को देना टाल दिया है. हालांकि लॉ कमीशन ने अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट में कहा है. एक साथ चुनाव आदर्श और वांछनीय होंगे लेकिन इसके लिए संविधान में संशोधन करना होगा.

पैनल ने कहा है कि हितधारकों के साथ इस मुद्दे पर और बहस की जरूरत है क्योंकि कई कॉम्पलेक्स मुद्दे शामिल हैं. एक साथ चुनाव कराना आदर्श और वांछनीय होगा लेकिन संविधान में कोई कामगार फार्मूला मुहैया कराना होगा. इसी कारण इस मुद्दे पर आगे बहस और जांच की जरूरत है ताकि सरकार को सिफारिश भेजी जा सके.

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ड्राफ्ट रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि वैसे संवैधानिक संशोधन आधे राज्यों में एक साथ चुनाव के लिए आवश्यक नहीं हैं. 12 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश का चुनाव 2019 के आम चुनावों के साथ कराया जा सकता है. 2021 के अंत तक 16 राज्यों और पुडुचेरी के चुनाव आयोजित किए जा सकते हैं. इसके परिणामस्वरूप भविष्य में पांच साल की अवधि में केवल दो बार चुनाव होंगे.

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यदि एक साथ चुनाव कराना संभव नहीं है तो एक कैलेंडर वर्ष में होने वाले सभी चुनाव एक साथ आयोजित किए जा सकते हैं.

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