भारत में साइबर क्राइम (Ciber Crime) का दायरा हमारी सोच से कई आगे निकल चुका है. हर दिन करीब 20 हजार लोग साइबर क्राइम का शिकार हो रहे हैं. भारत के साइबर क्रिमिनल रोजाना करीब 140 से ज्यादा अमेरिकियों के साथ भी फ्रॉड कर रहे हैं. ये मामले वो हैं, जो अब तक रिपोर्ट किए गए हैं. बिना रिपोर्ट हुए मामलों की संख्या इससे कहीं ज्यादा होगी.
झारखंड का जामताड़ा साइबर क्राइम के हब के तौर पर पूरे देश में कुख्यात है. इसे आप साइबर क्राइम का ट्रेनिंग सेंटर कहेंगे, तो गलत न होगा. जामताड़ा जैसे साइबर फ्रॉड के अड्डे अब पूरे देश में खुल गए हैं. इनमें से आधे से ज्यादा मामले यानी 54% सिर्फ चार जिलों से सामने आए हैं. NDTV साइबर क्राइम और साइबर क्रिमिनल के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एक डॉक्यूमेंट्री सीरीज "OTP Mafia Documentary" लेकर आया है. ये डॉक्यूमेंट्री सीरीज NDTV के #Consumerconnectndtv इनिशिएटिव का हिस्सा है.
साइबर पुलिस को मिली शिकायत के मुताबिक कई लोगों को उनके मोबाइल फोन पर इंस्टेंट लोन या मिनिमम डॉक्यूमेंटेशन लोन के ऑफर मिले थे. ऑफर नहीं एक्सेप्ट करने पर बैंक कार्ड ब्लॉक हो जाने की चेतावनी भी दी गई थी. ऐसा मैसेज पाने वाले ज्यादातर लोगों को एक एक्स रेटेड वीडियो यानी एडल्ट वीडियो भी मिला, जिसमें मॉर्फ करके उनकी फोटो का इस्तेमाल किया गया था. ज्यादातर लोग कॉल डिस्कनेक्ट करके ऐसी घटनाओं को समय के साथ-साथ भूल जाने में यकीन रखते हैं. वो शिकायत दर्ज नहीं कराते. लेकिन कुछ लोग इस चक्कर में बड़े फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं. लोन के जाल में फंसकर वो ब्लैकमेलिंग का शिकार होते हैं और एक समय बाद हालात इतने खराब हो जाते हैं कि वो कोई जानलेवा कदम उठा लेते हैं.
सेक्सटॉर्शन माफिया गिरोह को चलाने वाले ठग किसी शहर में बड़ी और फैंसी स्क्रीन के पीछे बैठे समझदार टेक्निकल एक्सपर्ट नहीं हैं. इस गिरोह में पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल हैं, जो जामताड़ा, नूंह, मथुरा, भरतपुर जैसे कुछ क्षेत्रों में अपनी चारपाई पर बैठकर आराम से लोगों को ठग रहे हैं.
नोएडा और नूंह में बैठे माफिया के सदस्य हजारों मील दूर न्यूयॉर्क के लोगों को शिकार बना रहे हैं. आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल 45000 अमेरिकी इन कॉलर्स का शिकार बने. इन साइबर क्रिमिनल के पास कोई हाईटेक सेटअप नहीं है. बुनियादी मोबाइल फोन, सैकड़ों सिम कार्ड और बेगुनाह लोगों के बैंक डिटेल, फोन नंबर ही इनके हथियार हैं. इसके जरिए ये गिरोह नूंह से न्यूयॉर्क तक साइबर फ्रॉड को अंजाम दे रहे हैं.
अमेरिका में ओटीपी माफिया द्वारा ठगी गई एक महिला ने NDTV को बताया कि उसे एक 'सरकारी एजेंसी' से फोन आया था. जिसमें दावा किया गया कि उसे नार्कोटिक्स के कारोबार के लिए पेमेंट करना होगा. महिला के इनकार के बावजूद कॉल आती रहीं. महिला के खिलाफ कार्रवाई की धमकी दी गई. कॉल करने वाले ने महिला से कहा कि अगर इनसे बचना है, तो उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी और उनसे मिलना होगा.
महिला ने NDTV को बताया, "मैंने हजारों डॉलर खो दिए. मेरे जीवन की लगभग 75 पर्सेंट सेविंग चली गई. इसे मैंने अपने रिटायरमेंट के बाद आगे की जिंदगी के लिए बचाकर रखा था. मेरा बेटा 17 साल का है और कॉलेज जाने वाला है. मेरी एक दिव्यांग बेटी भी है."
स्कैम में शामिल कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया. लेकिन बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया. ऐसे ही कुछ अपराधियों से NDTV ने बात की. उन्होंने बताया कि वो स्कैम या फ्रॉड से मिले पैसों का इस्तेमाल एंटरटेनमेंट और अपनी लाइफस्टाइल को बेहतर करने में खर्च करते हैं. एक अपराधी ने कहा, "मैं फ्रॉड के पैसे से मौत-मस्ती करते हैं."
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