बेंगलुरु में विपक्ष की दो दिन की बैठक खत्म होने के बाद मंगलवार को दिल्ली में नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) की बैठक हुई. इसमें बीजेपी समेत 38 दल शामिल हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने एनडीए की बैठक में विपक्षी गठबंधन पर तंज कसे हैं. उन्होंने कहा- 'ये साथ तो आ सकते हैं, पास नहीं आ सकते. केरल में लेफ्ट और कांग्रेस एक-दूसरे के खून के प्यासे हैं, लेकिन बेंगलुरु में हाथ पकड़कर हंस रहे हैं. बंगाल में लेफ्ट और तृणमूल कांग्रेस लड़ रहे हैं, लेकिन बेंगलुरु में साथ खड़े हैं. जनता जानती है ये मिशन नहीं मजबूरियां है. इन्हें अपने कार्यकर्ताओं की भी चिंता नहीं.'
दिल्ली में एनडीए की बैठक में पीएम ने कहा, 'मेरे शरीर का हर कण, मेरे जीवन का हर क्षण देश को समर्पित है. भरोसा दिलाता हूं एनडीए के तीसरे टर्म में देश की इकोनॉमी दुनिया में तीसरे नंबर पर होगी.'
परिवारवाद का गठबंधन बस नुकसान करता है-पीएम
पीएम मोदी ने कहा, "केंद्र की योजनाओं के लिए मुझे कई बार विपक्षी नेताओं को चिट्ठियां लिखनी पड़ती हैं, लेकिन यह अपनी राजनीति के लिए लोगों के बारे में नहीं सोचते. जब गठबंधन परिवारवाद का हो, क्षेत्रवाद को ध्यान में रखकर किया गया हो तो वह देश का बहुत नुकसान करता है."
पीएम मोदी ने समझाया एनडीए का मतलब
पीएम मोदी ने इस दौरान एनडीए का मतलब भी समझाया. भारतीय आज नए संकल्पों की ऊर्जा से भरे हैं. एनडीए में N का मतलब न्यू इंडिया है, D का मतलब है विकसित राष्ट्र ओर A का अर्थ है लोगों की आकांक्षा है. आज युवा, महिलाएं, मध्यम वर्ग, दलित और वंचितों को NDA पर भरोसा है.
उन्होंने कहा, "राज्यों के विकास से राष्ट्र का विकास के मंत्र को एनडीए ने सशक्त किया है. पुराने साथियों का मैं अभिनंदन करता हूं. नए साथियों का भविष्य के लिए स्वागत करता हूं. एनडीए के 25 सालों की यात्रा के साथ सुखद सहयोग जुड़ा है." पीएम ने कहा, "हमारा संकल्प पॉजिटिव है, एजेंडा पॉजिटिव है, रास्ता भी पॉजिटिव है. सरकारें बहुमत से बनती हैं, देश सबके साथ से चलती है."
हम विकासशील भारत के निर्माण में जुड़े हैं- पीएम
उन्होंने कहा, "आज हम विकासशील भारत के निर्माण में जुड़े हैं. देश में राजनीतिक गठबंधन का पुराना इतिहास है, लेकिन नकारात्मक विचार से बने गठबंधन सफल नहीं हुए."
पिछली गठबंधन की सरकार से देश को क्या मिला?
मोदी ने कहा, "हमारी सरकार से पहले का गठबंधन बड़ी मुश्किल से 10 साल सरकार चला पाई, लेकिन देश को क्या मिला. पीएम पद के ऊपर एक शख्स, निर्णय लेने में अक्षमता... पिछली सरकार में क्रेडिट लेने के लिए सब आगे आते थे, लेकिन गलती होने पर दोष सहयोगियों पर डाल देते थे. उनके लिए गठबंधन मजबूरी थी, लेकिन हमारे लिए गठबंधन मजबूरी नहीं मतबूती का प्रतीक."
क्रेडिट भी सबका है और दायित्व भी-पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा, "इसमें क्रेडिट भी सबका है और दायित्व भी सबका है. इसमें कोई दल छोटा या बड़ा नहीं है. हम सब एक लक्ष्य के लिए काम कर रहे हैं. 2014 हो या 2019 में बीजेपी को बहुमत से ज्यादा सीटें मिलीं, लेकिन सरकार NDA की ही रही."
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