NDA में पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच हाजीपुर सीट को लेकर सियासी घमासान शुरू

बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष संजय जयसवाल ने कहा कि आज के समय में जो स्थिति है, इस हालात में हम सब मिलकर देश को मजबूत करना है. जब सीटों के बंटवारे की बात आएगी, उस समय देख लेंगे.

NDA में पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच हाजीपुर सीट को लेकर सियासी घमासान शुरू

एनडीए में शामिल होने पर चिराग पासवान ने कहा है कि मैं मंत्री बनने के लिए गठबंधन में नहीं आया हूं.

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बिहार में सियासी घमासान शुरू हो गया है. कल दिल्ली में हुई एनडीए की बैठक के बाद लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने एनडीए में शामिल होने की घोषणा की है. जिसके बाद चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस दोनों एनडीए में शामिल हो गए हैं. जिसके बाद अब हाजीपुर सीट को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. हाजीपुर सीट को लेकर चाचा-भतीजे के बीच पेंच अभी भी फंसा हुआ है.

पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच हाजीपुर सीट को लेकर  बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष संजय जयसवाल ने NDTV से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि कोई आपसी गतिरोध नहीं है, एनडीए के नेतृत्व में सब एकजुट है. मोदी जी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है. हमारी प्राथमिकता गरीबों की तरह की है. सभी इंडिया के साथ हैं, हमारा एजेंडा एक है. गरीबों का कल्याण होगा. सब मोदी जी के नेतृत्व की वजह से ही साथ आए हैं.

बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष संजय जयसवाल ने कहा कि आज के समय में जो स्थिति है, इस हालात में हम सब मिलकर देश को मजबूत करना है. जब सीटों के बंटवारे की बात आएगी, उस समय देख लेंगे. हमारा विश्वास है कि सब मोदी जी के नेतृत्व में एक साथ रहेंगे और अच्छा प्रदर्शन करेंगे.

इसके आगे उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में सिर्फ नेतृत्व तय करता है कि कैसे क्या करना है. भारतीय जनता पार्टी सामुहिकता में विश्वास रखती है. हम सब एक साथ हैं. हम सबको साथ लेकर चलेंगे.सबका साथ लेकर चलना भारतीय जनता पार्टी का सिद्धांत है.

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इधर चिराग पासवान ने भाजपा के साथ लोजपा के गठबंधन की औपचारिक घोषणा के बाद पशुपति पारस के साथ गठबंधन में शामिल होने पर कहा कि एनडीए में कौन है या नहीं मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता.  मैं मंत्री बनने के लिए गठबंधन में नहीं आया हूं. मुझे लगता है यह प्रधानमंत्री का विशेष अधिकार है कि वह किसे मंत्री बनाये. मैं चाहूंगा पिताजी की विरासत ही नहीं बल्कि काम से लोगों का विश्वास जीत सकूं.