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केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने मंगलवार को भरोसा जताया कि राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (एनसीटीसी) को लेकर केंद्र और गैर-कांग्रेस शासित राज्यों के बीच विवाद का समाधान पांच मई को इस मुद्दे पर होने वाली मुख्यमंत्रियों की बैठक में हो जाएगा।
चिदम्बरम ने यह भी कहा कि पांच मई की बैठक से पहले सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एनसीटीसी की कार्यप्रणाली को लेकर दस्तावेज दिए जाएंगे।
आंतरिक सुरक्षा पर सोमवार को हुई मुख्यमंत्रियों की वार्षिक बैठक के एक दिन बाद चिदम्बरम ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान से भी असहमति जताई कि केंद्र अपने निर्णयों से राज्यों में अविश्वास पैदा कर रहा है।
संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि अधिकतर राज्यों में केंद्र सरकार के प्रति अविश्वास नहीं है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "हम पांच मई को होने वाली मुख्यमंत्रियों की बैठक से पहले उनके बीच एनसीटीसी के काम करने के तरीके को लेकर दस्तावेज वितरित कर रहे हैं। हम इस मुद्दे पर केंद्र और राज्यों के बीच मतभेद का समाधान करने में सफल होंगे।"
यह पूछे जाने पर कि यदि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में राज्य जिम्मेदारी ले तो क्या केंद्र सरकार केंद्रीय सुरक्षा बलों को वापस बुला सकती है, चिदम्बरम ने कहा कि इस बारे में राज्यों से बातचीत की जा रही है। उन्होंने कहा, "यदि राज्य अधिक जिम्मेदारियां लेने के इच्छुक हों और नक्सलियों से लड़ने के लिए अधिक बल तैनात करने को तैयार हों तो केंद्रीय अर्धसैनिक एवं पुलिस बलों को वापस बुलाया जा सकता है। केंद्रीय पुलिस बल की तैनाती कम अवधि के लिए की जाती है, न कि लम्बे समय के लिए।"
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता के इस बयान पर कि वित्तीय निर्भरता के मामले में केंद्र, राज्य सरकारों को नगर निगम बना रहा है, चिदम्बरम ने कहा कि यह एक ही मुख्यमंत्री का विचार है।
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