एनसीबी ने एनसीआर क्षेत्र, राजस्थान, पंजाब और दुबई से चल रहे अंतरराष्ट्रीय ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ किया है. इस सिंडिकेट में भारतीय, मैक्सिकन, कनाडाई और ब्रिटिश नागरिक शामिल हैं. एनसीबी ने लुधियाना में एक ड्रग्स की लैब का भंडाफोड़ किया. इस ऑपरेशन के दौरान 15.106 किलो मेथ (बर्फ), 9 किलो स्यूडोएफ़ेड्रिन और दूसरे ड्रग्स को जब्त किया. तीन मैक्सिकन मेथ केमिस्टों समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
जाली दस्तावेज़ का इस्तेमाल किया
एनसीबी के डिप्टी डायरेक्टर ज्ञानेश्वर सिंह के मुताबिक खुफिया सूचना के आधार पर 17 जनवरी 2024 को 2.946 किलो मेथमफेटामाइन की जब्त की गई. आगे की जांच के दौरान पार्सल के दो कंसाइनर्स को जयपुर से पकड़ा गया. गिरफ्तार लोगों ने खुलासा किया कि विदेश में अपने हैंडलर के कहने पर दिल्ली स्थित तस्कर से मेथ लेते थे और अपने हैंडलर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पार्सल ऑस्ट्रेलिया भेजते थे. यह भी खुलासा हुआ कि उन्होंने अपनी पहचान छिपाने के लिए पार्सल बुक करने के लिए जाली दस्तावेज़ का इस्तेमाल किया.
छापेमारी के दौरान दो भारतीय नागरिकों को पकड़ा गया
इसके बाद ड्रग्स के सप्लायरों को दिल्ली के रोहिणी में पकड़ा गया और उसके घर से 12.16 किलो मेथमफेटामाइन की बरामदगी हुई. पूछताछ करने पर पता चला है कि दिल्ली में बरामद ड्रग्स पंजाब से आते हैं. इसके बाद एनसीबी की टीम ने लुधियाना, मोहाली और जालंधर में कई छापे मारे. 29 जनवरी 2024 को लुधियाना में एक ठिकाने मे छापेमारी के दौरान दो भारतीय नागरिकों को पकड़ा गया.
लैब में मेथमफेटामाइन ड्रग्स बनाया जा रहा था
तलाशी में 4 किलो स्यूडोएफ़ेड्रिन की बरामदगी हुई. पकड़े गए लोगों की निशानदेही पर एनसीबी टीम एक किराए के गोदाम पर गई, जिसका उपयोग पंजाब के लुधियाना में एक सीक्रेट लैब के रूप में किया जा रहा था. इस लैब में मेथमफेटामाइन ड्रग्स बनाया जा रहा था. छापेमारी के दौरान मेथमफेटामाइन बनाने में काम आने वाली 5 किलो स्यूडोफेड्रिन बरामद हुई. छापेमारी में तीन मैक्सिकन नागरिकों को भी मौके पर पकड़ लिया गया, जो पेशेवर केमिकल एक्सपर्ट हैं.
हैंडलर के कहने पर नवंबर 2023 में भारत आए थे
पकड़े गए व्यक्ति से पूछताछ के दौरान पता चला है कि ये तीनों मैक्सिकन नागरिक मैक्सिको और यूके स्थित अपने हैंडलर के कहने पर नवंबर 2023 में भारत आए थे और लुधियाना पंजाब में रह रहे थे. गिरफ्तार भारतीय नागरिक इन तीन मैक्सिकन नागरिकों को सभी प्रकार की सहायता और कच्चा माल उपलब्ध करा रहे थे. दिल्ली में आगे की जांच के दौरान एक और सहयोगी को पंजाब के फ़िरोज़पुर में पकड़ा गया. इस मामले में मोहाली का एक वकील मुख्य संदिग्धों में से एक है और फरार है.
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