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सीएम नायब सिंह सैनी के सामने होंगी ये चुनौतियां, बीजेपी को किन वादों पर मिली हैं 48 सीटें

बीजेपी विधायक दल के नेता चुने गए नायब सिंह सैनी आज हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. मुख्यमंत्री के रूप में यह उनकी दूसरी पारी है. आइए देखते हैं कि नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद किन चुनौतियों का सामना करना होगा.

नई दिल्ली:

नायब सिंह सैनी आज हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे. वो दूसरी बार राज्य की कमान संभाल रहे हैं. विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार जीत की है.इस बार हरियाणा में बीजेपी को जितनी बड़ी जीत मिली है, उतनी ही बड़ी चुनौतियां नायब सिंह सैनी की सरकार के सामने होंगी. उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती बेरोजगारों की होगी. हरियाणा की बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से भी अधिक है. इस दिशा में सैनी ने कदम उठा दिए हैं. उन्होंने कहा है कि उनके शपथ लेने से पहले 25 हजार नौकरियों का रिजल्ट जारी कर देगी.आइए जानते हैं कि सैनी की सरकार को किन चुनौतियों से पार पाना होगा.

इस बार के चुनाव में कांग्रेस ने जवान-नौजवान और किसानों से जुड़ी समस्याओं को मुद्दा बनाया था. उसे जिस तरह से समर्थन मिला उससे लगा कि बीजेपी चुनाव हार जाएगी.लेकिन चुनाव परिणाम ने इन अनुमानों को झुठला दिया. बीजेपी को जवान-नौजवान और किसानों ने भरपूर वोट दिया. इसका परिणाम यह हुआ कि बीजेपी राज्य में पहली बार 48 सीटें जीतने में कामयाब रही.जवान-नौजवान और किसानों के मुद्दों ने बीजेपी की सतर्क कर दिया था. उसने इनसे जुड़े मुद्दों का समाधान अपने चुनाव घोषणा पत्र में करने की कोशिश की थी. नायब सिंह सैनी की बड़ी चुनौति इन घोषणाओं को जमीन पर उतारना है, जिससे लोगों की उम्मीदें पूरी हो सकें.

24 फसलों की एमएसपी पर खरीद

बीजेपी ने इस चुनाव में जो सबसे बड़ा वादा किया है, वह है 24 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदी. बीजेपी इस चुनाव में किसानों को यह समझाने में सफल रही कि कांग्रेस ने केवल गेहूं और चावल जैसी फसलों पर ही एमएसपी दी, लेकिन बीजेपी सरकार ने दलहन, तिलहन और अन्य फसलों को भी शामिल किया. उसने किसानों को बताया कि वह एमएसपी के दायरे में न केवल अधिक फसलों को लेकर आई बल्कि एमएसपी भी बढ़ाई है. बीजेपी के इस वादे पर किसानों ने इस बार ऐतबार किया है. अब नायब सिंह सैनी को अपने वादे पर कायम रहते हुए 24 फसलों की एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित कराएं. 

मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले मंदि में मत्था टेकते नायब सिंह सैनी.

मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले मंदि में मत्था टेकते नायब सिंह सैनी.

देना होगा बेरोजगारों को रोजगार

चुनाव प्रचार के दौरान विपक्ष ने हरियाणा में बेरोजगारी का मुद्दा उठाया था.हरियाणा देश के उन राज्यों में शामिल है, जहां बेरोजगारी की दर सबसे अधिक है. केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में बेरोजगारी की दर 9 फीसदी से अधिक है. यह बेरोजगारी की राष्ट्रीय दर 4.1 फीसदी से भी अधिक है. सैनी सरकार को इस दिशा में भी कदम उठाने होंगे. हालांकि बुधवार को उन्होंने कहा था कि उनके शपथ  लेने से पहले 25 हजार नौकरियों का परिणाम आ जाएगा.हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ग्रुप 56 और 57 का रिजल्ट जारी कर सकता है. चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने आचार संहिता लागू रहने तक इन परिणामों के जारी करने पर रोक लगा दी थी. अगर परिणाम जारी हो जाते हैं तो राज्य के बेरोजगारों को राहत मिलेगी.हरियाणा सरकार नौकरी देने के काम पर लग हई है. इसी के तहत राज्य आईटीआई में रोजगार मेलों का आयोजन किया जा रहा है. इस तरह के मेलों और कैंपस इंटरव्यू का आयोजन 16-29 अक्तूबर के बीच पूरे प्रदेश में किया जाएगा. 

क्या नियमित होगी सीईटी

एक और समस्या भी युवाओं से ही जुड़ी हुई है. यह है कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) का नियमित न होना. हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने फैसला किया था कि राज्य सरकार की नौकरियां इसी परीक्षा के आधार पर दी जाएंगी.लेकिन यह परीक्षा अब तक केवल एक बार ही आयोजित की गई है, जबकि सरकार ने वादा किया था कि यह परीक्षा हर साल आयोजित की जाएगी. नायब सिंह सैनी को सीएम की कुर्सी पर बैठने के बाद इस बात की व्यवस्था करनी होगी कि सीईटी की परीक्षा हर साल आयोजित की जाए. 

अग्निवीर से आने वालों को नौकरी

बीजेपी ने अपने चुनाव संकल्प पत्र में कहा है कि अग्निवीर के हर रिटायर्ड नौजवान को नौकरी दी जाएगी. इसकी गारंटी अमित शाह ने भी दी थी. उन्होंने कहा था कि अगर कोई अग्निवीर लौटता है तो वह बिना नौकरी के नहीं रहेगा, इसकी जिम्मेदारी बीजेपी लेती है.अब नायब सिंह सैनी की सरकार पर इस बात की बड़ी जिम्मेदारी होगी कि वह अग्निवीर से रिटायर होने वाले नौजवानों को नौकरी उपलब्ध कराए. हरियाणा देश के उन राज्यों में शामिल है, जहां के नौजवान बड़ी संख्या में सेना और अर्धसैनिक बलों में जाते हैं. विपक्ष ने इसे विधानसभा चुनाव में मुद्दा भी बनाया था. 

मुफ्त की रेवड़ियां  

साल 2014 में जब प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी थी तो राज्य 70 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबा था. लेकिन पिछले 10 सालों में यह कर्ज बढ़कर तीन लाख 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक का हो चुका है. इस तथ्य के बाद भी बीजेपी ने इस बार मुफ्त की रेवड़ियों की छड़ी लगा दी है. बीजेपी ने महिलाओं को हर महीने 21 सौ रुपये देने, 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर देने, गांवों में कॉलेज जाने वाली लड़कियों को स्कूटी देने का वादा किया है. हरियाणा में बीजेपी ने पहली बार महिलाओं के खाते में रुपये भेजने का वादा किया है. देश के दूसरे राज्यों में इस वादे से मिली सफलता को देखते हुए बीजेपी ने यह दांव हरियाणा में चला है. सरकार को इन वादों को पूरा करने के लिए बजट की व्यवस्था करनी होगी. इससे पहले से ही कर्ज के बोझ तले दबी सरकार पर कर्ज का बोझ और बढ़ेगा. इसमें संतुलन बनाने का काम सैनी सरकार को करना होगा.   

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