पंजाब (Punjab) में कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu)और अमरिंदर सिंह (Amrinder Singh) के बीच लंबे अरसे से चल रही कलह की परिणति में केप्टन अमरिंदर सिंह का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे हो गया. पंजाब कांग्रेस में चला घमासान क्या अब समाप्त हो जाएगा? पंजाब सरकार का नेतृत्व अब किसके हाथ में जाएगा, यह एक बड़ा सवाल है जिसका जवाब कांग्रेस आलाकमान ही दे सकता है. सूत्रों के मुताबिक अमरिंदर सिंह की जगह लेने वालों में प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar), पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख प्रताप सिंह बाजवा और बेअंत सिंह के पोते और सांसद रवनीत सिंह बिट्टू तो दावेदार हैं ही, नवजोत सिंह सिद्धू भी इस दौड़ में शामिल हैं.
इस बीच पंजाब के कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरू हो गई है. इस बैठक में 75 विधायक मौजूद हैं. बताया जाता है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह इस बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं. पार्टी द्वारा अमरिंदर सिंह और उनके प्रतिद्वंद्वी नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सुलह कराने में कामयाब होने के हफ्तों बाद आज की बैठक पंजाब की कांग्रेस सरकार में नेतृत्व परिवर्तन का संकेत दे सकती है.
नवजोत सिंह सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच विवाद समाप्त करने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब में जो शक्ति संतुलन का रास्ता अपनाया था उसके तहत नवजोत सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस की बागडोर सौंप दी गई, लेकिन सुलह के लिए यह काफी नहीं हुआ और कलह घटने के बजाय बढ़ती गई. पंजाब कांग्रेस के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू काफी दिनों से तीखे तेवर अपनाए हुए हैं. उन्होंने पिछले माह अपने सलाहकारों से संबंधित विवादों को लेकर कांग्रेस हाईकमान को ही अल्टीमेटम दे डाला था. उन्होंने दो टूक कहा था कि यदि उन्हें फैसले लेने की आजादी नहीं दी गई तो वे किसी को नहीं बख्शेंगे. सिद्धू ने कहा था कि 'मैंने हाईकमान से फैसले लेने की इजाजत देने को कहा है. मैं सुनिश्चित करूंगा कि कांग्रेस राज्य में अगले दो दशक तक समृद्ध रहे. नहीं तो ईंट से ईंट बजा दूंगा.' पंजाब में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं .
अब चूंकि अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री का पद त्याग दिया है तो इस स्थिति में नवजोत सिंह सिद्धू मुख्यमंत्री पद की दावेदारी कर सकते हैं.
दूसरी तरफ पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ हैं. वे भी कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम पद से हटाने की मुहिम में शामिल रहे हैं. वे भी मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस विधायकों के दबाव के बीच पंजाब कांग्रेस इकाई में व्यवस्था बहाल करने के लिए निर्णायक कदम उठाने के लिए राहुल गांधी की सराहना की है.
जाखड़ ने ट्वीट किया, "गॉर्डियन नॉट के इस पंजाबी वर्जन के लिए अलेक्जेंड्रिया के समाधान को अपनाने के लिए राहुल गांधी को बधाई. पंजाब कांग्रेस की गड़बड़ी को हल करने के इस साहसिक निर्णय ने न केवल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उत्साहित किया है, बल्कि अकालियों की रीढ़ को हिला दिया है." जाखड़ ने अपने ट्वीट में एक जटिल समस्या का वर्णन करने के लिए जिस उद्धरण का उपयोग किया वह द गॉर्डियन नॉट अलेक्जेंडर द ग्रेट के साथ जुड़े फ्रेजियन गोर्डियम की एक किंवदंती है. इसे अक्सर समस्या के दृष्टिकोण के लिए दृष्टिकोण ढूंढकर आसानी से हल की गई एक असाध्य समस्या के रूपक के रूप में उपयोग किया जाता है.
नवजोत सिद्धू और सुनील जाखड़ के अलावा पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख प्रताप सिंह बाजवा और बेअंत सिंह के पोते और सांसद रवनीत सिंह बिट्टू भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं. कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पंजाब के अगले मुख्यमंत्री का नाम तय होने की संभावना है.
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