पंजाबः कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएम पद से दिया इस्तीफा.
नई दिल्ली:
Amarinder Singh Resigns : कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. कथित तौर पर कांग्रेस ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया. कहा गया है कि कांग्रेस आलाकमान ने कैप्टन पर विधायकों के कहने पर दबाव बनाया.
- सूत्रों का कहना है कि पंजाब कांग्रेस के 80 में से 50 से अधिक विधायकों ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर मांग की थी कि अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री के पद से हटाया जाए. जिससे पार्टी को विधायकों की आपात बैठक बुलानी पड़ी.
- उग्र अमरिंदर सिंह उर्फ "कैप्टन" ने कथित तौर पर सोनिया गांधी से कहा था, "इस तरह का अपमान काफी है, यह तीसरी बार हो रहा है. मैं इस तरह के अपमान के साथ पार्टी में नहीं रह सकता."
- अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था, जिससे कांग्रेस में विभाजन और फ्लोर टेस्ट की संभावना बढ़ रही थी.
- पंजाब की रानीति में यही माहौल जारी रहता तो राज्यपाल राजनीतिक अस्थिरता और कृषि विरोध का हवाला देकर राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते थे.
- अमरिंदर सिंह ने अपने वफादारों की रैली के लिए विधायकों की एक बैठक भी बुलाई थी. 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभाओं के लिए अगले साल होने वाले मतदान में यह संकट चुनाव से पहले ही संख्या के खेल की ओर बढ़ रहा है.
- सूत्रों का कहना था कि शाम की बैठक में ''कुछ भी हो सकता है''. कैप्टन के चले जाने पर तीन नेताओं के नाम चर्चाओं में हैं- पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ और प्रताप सिंह बाजवा और बेअंत सिंह के पोते रवनीत सिंह बिट्टू.
- सुनील जाखड़ ने घोषणा की थी अमरिंदर सिंह पंजाब का शीर्ष पद छोड़ रहे हैं. जाखड़ ने ट्वीट किया, "गोर्डियन गांठ (जटिल समस्या) के इस पंजाबी संस्करण के लिए अलेक्जेंड्रिया समाधान को अपनाने के लिए राहुल गांधी को बधाई. आश्चर्यजनक रूप से, पंजाब कांग्रेस की गड़बड़ी को हल करने के इस साहसिक निर्णय ने न केवल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उत्साहित किया है, बल्कि अकालियों की रीढ़ को हिला दिया है."
- पंजाब संकट नवजोत सिंह सिद्धू के साथ अमरिंदर सिंह की तनातनी को लेकर नाटकीय रूप से बढ़ गया है.
- जुलाई में अमरिंदर सिंह के उग्र प्रतिरोध के बावजूद, पार्टी ने नवजोत सिद्धू को अपना पंजाब प्रमुख नियुक्त किया लेकिन कड़वाहट खत्म नहीं हुई.
- पिछले महीने चार मंत्रियों और लगभग दो दर्जन पार्टी विधायकों ने अमरिंदर सिंह के खिलाफ शिकायतें की और नेतृत्व से कहा कि उन्हें चुनावी वादों को पूरा करने की उनकी क्षमता पर कोई भरोसा नहीं है.