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नेशनल हेराल्‍ड मामला: राहुल-सोनिया के खिलाफ चार्जशीट, जानिए मामले से जुड़ी बड़ी बातें 

नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस ऐसा पहला मामला है, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी को किसी चार्जशीट में आरोपी बनाया गया है. इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर हमला बोलते हुए इसे बदले की राजनीति बताया है.

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नई दिल्‍ली :

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी और कांग्रेस ओवरसीज के प्रमुख सैम पित्रोदा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. यह पहला मामला है, जब सोनिया गांधी और राहुल गांधी को किसी चार्जशीट में आरोपी बनाया गया है. इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर हमला बोलते हुए इसे बदले की राजनीति बताया है. आइए जानते हैं कि क्‍या है नेशनल हेराल्‍ड केस और इस मामले से जुड़ी 10 बड़ी बातें. 

  1. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी पहली बार किसी चार्जशीट में आरोपी बने हैं. उनके खिलाफ ईडी ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राउस एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. इस चार्जशीट कांग्रेस ओवरसीज के प्रमुख सेम पित्रोदा , सुमन दुबे और कई अन्य लोगों के नाम भी शामिल हैं. कोर्ट ने आरोपों पर संज्ञान लेने के लिए 25 अप्रैल की तारीख तय की है.

  2. ईडी के मुताबिक, इस मामले में करोड़ों रुपये की संपत्ति की हेराफेरी हुई है. एजेंसी ने अब तक करीब 751.9 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. इनमें से 661.69 करोड़ की प्रॉपर्टी एजेएल यानी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड से और करीब 90.21 करोड़ की प्रॉपर्टी यंग इंडिया से जुड़ी हुई बताई जा रही है. 

  3. इस मामले में 2014 में दिल्ली की मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने आदेश देकर जांच शुरू करवाई थी. जांच में पता चला कि यंग इंडिया कंपनी के जरिए एजेएल की अरबों की संपत्ति हासिल की गई है. सरकार ने एजेएल को समाचार पत्र छापने के लिए रियायती दरों पर जमीन दी थी, लेकिन 2008 में एजीएल ने प्रकाशन बंद कर दिया और प्रॉपर्टी का उपयोग व्यावसायिक रूप से होने लगा. 

  4. ईडी का आरोप है कि कांग्रेस ने एजेएल को दिए गए 90.21 करोड़ रुपये के कर्ज को माफ कर दिया और मात्र 50 लाख रुपये में यंग इंडिया को सौंप दिया. इसके बाद यंग इंडिया की हिस्सेदारी गांधी परिवार और उनके करीबी लोगों को दे दी गई. इस तरह परोक्ष रूप से एजेएल की संपत्ति पर गांधी परिवार का कब्जा हो गया. 

  5. एजेएल की एक एक्स्ट्राऑर्डिनरी मीटिंग में 1000 से ज्यादा शेयरधारकों की हिस्सेदारी घटकर सिर्फ 1% रह गई, जिससे कंपनी यंग इंडिया की सहायक बन गई. सोनिया और राहुल गांधी की यंग इंडिया में 38-38 प्रतिशत की हिस्सेदारी है.

  6. इस तरह एजेएल की करीब 2000 करोड़ की सम्पत्तियां गांधी परिवार के पास आ गईं. इस केस में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, ऑस्कर फर्नांडिस, मोतीलाल वोरा और सुमन दुबे आरोपी हैं. ED पहले ही गांधी परिवार से इस मामले में पूछताछ कर चुकी है. 

  7. राज्यसभा सांसद एवं दिग्गज कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे बदले की राजनीति बताया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि नेशनल हेराल्ड की संपत्ति जब्त करना कानून के शासन का मुखौटा पहनकर सरकार प्रायोजित अपराध है. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करना बदले की राजनीति और धमकी के अलावा कुछ नहीं है. कांग्रेस और उसका नेतृत्व चुप नहीं रहेगा.

  8. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने वाला बताया. उन्होंने 'एक्स' पर लिखा कि यह केंद्र सरकार की एजेंसी ईडी द्वारा कांग्रेस पार्टी और नेशनल हेराल्ड की 661 करोड़ रुपए की संपत्तियों को कब्जे में लेने की कार्रवाई लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास है. 

  9. नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की स्थापना 1938 में जवाहरलाल नेहरू ने की थी. इस समाचार पत्र को एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) द्वारा प्रकाशित किया जाता था. 

  10. भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने साल 2012 में आरोप लगाया था कि यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने एजेएल की 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियों को मात्र 50 लाख रुपए में हासिल किया और उन्होंने धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया. मामला अदालत में भी गया और बाद में ईडी ने इसकी जांच शुरू की.


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