
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (Women's reservation bill) पर बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि नारी शक्ति वंदन बिल BJP और मोदी जी के लिए राजनीतिक एजेंडा नहीं है. उन्होंने कहा कि कल का दिन भारतीय संसद के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. कल के दिन वर्षों से जो लंबित था वो महिलाओं को अधिकार देने का बिल सदन में पेश हुआ. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साधुवाद देना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि मोदी के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान, समान भागीदारी सरकार की जीवन शक्ति रही है.
हमारे लिए महिला सशक्तिकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं: गृहमंत्री
अमित शाह ने कहा कि इस बिल के पारित होने से महिलाओं के अधिकारों की लंबी लड़ाई खत्म हो जाएगी. जी 20 के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने महिला नेतृत्व वाले विकास का विजन पूरी दुनिया के सामने रखा. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण एक राजनीतिक एजेंडा हो सकता है, कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण का नारा चुनाव जीतने का एक हथियार हो सकता है लेकिन भाजपा के लिए महिला सशक्तिकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि मानवता का सवाल है.
60 साल का हिसाब नहीं देते : अमित शाह
अमित शाह ने विपक्ष की टोकाटोकी के बीच लोकसभा में कहा कि अमित शाह ने कहा कि विपक्ष हमसे 10 साल का हिसाब मांगता है, जबकि खुद 60 साल का हिसाब नहीं देते. उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल लाने का यह 5वां प्रयास है. देवेगौड़ा जी से लेकर मनमोहन सिंह जी तक चार बार इस बिल को लाने की कोशिश की गई...क्या कारण था कि ये बिल पास नहीं हो सका?
ओबीसी सचिव को लेकर राहुल गांधी के बयान पर अमित शाह ने कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि देश सचिव चलाते हैं, जबकि हमारा मानना है कि देश सरकार चलाती है. अमित शाह ने कहा कि चुनाव के बाद जनगणना और परिसीमन दोनों होगा, बहुत जल्द समय आएगा कि एक तिहाई माताएं-बहनें सदन में होंगी.
"अगर वायनाड आरक्षित हो गया तो..."
महिला आरक्षण बिल पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि OBC आरक्षण, परिसीमन का मुद्दा या जनगणना को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, मैं सबका जवाब देता हूं. सबसे पहला जवाब विद्यमान संविधान में तीन तरह के सांसद आते हैं, जो सामान्य, SC और ST कैटेगरी से आते हैं. ये तीनों कैटेगरी में हमने महिलाओं का 33% आरक्षण कर दिया है.अब एक तिहाई सीटों को आरक्षित करना है तो वह सीट कौन तय करेगा? हम करें? अगर वायनाड आरक्षित हो गया तो आप कहेंगे हमने राजनीति की है.
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