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Exclusive: फिर जेल पहुंचे नरेश मीणा, NDTV से कहा- मैं तो बच्चों को न्याय दिलाने पहुंचा था...

झालवाड़ स्कूल हादसे में नरेश मीणा ने मृतकों के परिवार को 1-1 करोड़ रुपये और घायलों के परिवार को 50-50 लाख रुपये देने की मांग की थी. इसके साथ ही उन्होंने पीड़ित परिवार के किसी एक शख्स को संविधा पर नौकरी देने की मांग की थी

Exclusive: फिर जेल पहुंचे नरेश मीणा, NDTV से कहा- मैं तो बच्चों को न्याय दिलाने पहुंचा था...
नरेश मीणा को गिरफ्तार कर ले जाती पुलिस.
  • राजस्थान के देवली उनियारा विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा एसडीएम को थप्पड़ मारकर जेल गए थे.
  • अब नरेश मीणा को झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद अस्पताल में धरना देने और के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
  • उनके खिलाफ डीन और अधीक्षक की शिकायत पर अस्पताल में हाथापाई और अभद्र भाषा के कारण पुलिस ने केस दर्ज किया है.
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नई दिल्ली:

Naresh Meena In Jail: राजस्थान विधानसभा उपचुनाव के दौरान टोंक के देवली उनियारा विधानसभा सीट पर एसडीएम को थप्पड़ मार जेल गए निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा फिर जेल पहुंच गए है. एसडीएम थप्पड़ कांड में गिरफ्तार नरेश मीणा लंबे समय बाद कुछ दिनों पहले ही जमानत पर बाहर निकले थे. लेकिन अब फिर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. नरेश मीणा की गिरफ्तारी का ताजा मामला झालावाड़ स्कूल हादसे से जुड़ा है. इस हादसे में 7 बच्चों की मौत हो गई थी. जिसके बाद नरेश मीणा हॉस्पिटल में धरना दे रहे थे.

नरेश मीणा पर आरोप है कि उन्होंने झालावाड़ मेडिकल कॉलेज परिसर में घुसकर न सिर्फ धरना दिया, बल्कि एम्बुलेंस की आवाजाही और ICU जैसी आपातकालीन सेवाओं में भी बाधा डाली.

हॉस्पिटल स्टाफ से हाथापाई का आरोप

झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय पोरवाल और अधीक्षक डॉ. अशोक शर्मा की शिकायत पर झालावाड़ पुलिस ने नरेश मीणा पर धारा 121(1), 132 और 352 के तहत केस दर्ज किया है. FIR में कहा गया है कि- “नरेश मीणा ने अस्पताल स्टाफ से हाथापाई की, अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, और मरीजों की परवाह किए बिना हंगामा जारी रखा.”

झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद हॉस्पिटल में हुए हंगामे के आरोप में गिरफ्तार नरेश मीणा से एनडीटीवी ने बातचीत की. जिसमें उन्होंने कहा कि मैं तो बच्चों को न्याय दिलाने आया था.

'मैं तो न्याय की मांग कर रहा था'

पुलिस वैन से उतरकर थाने के ले जाते समय नरेश मीणा ने NDTV से कहा, 'मैं तो झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद अपनी जन क्रांति यात्रा बीच में छोड़कर बच्चों को न्याय दिलाने आया था. झालावाड़ के अस्पताल में धरने का मकसद सरकार से पीड़ित परिवार के लिए उचित मुआवजा लेना था. लेकिन यह मकसद पूरा नहीं हो पाया. सरकार ने परिवार को उचित मुआवजा नहीं दिया.'

1-1 करोड़ मुआवजा की मांग रहे थे नरेश मीणा

झालावाड़ में स्कूल बिल्डिंग गिरने के बाद हॉस्पिटल में धरना-प्रदर्शन करते हुए नरेश मीणा ने मृतकों के परिवार को 1-1 करोड़ रुपये और घायलों के परिवार को 50-50 लाख रुपये देने की मांग की थी. साथ ही उन्होंने पीड़ित परिवार के किसी एक शख्स को संविधा पर नौकरी देने की मांग की थी.

नरेश मीणा ने यह भी कहा था कि सरकार जब तक दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं करती, तब तक उनका धरना जारी रहेगा. दूसरी ओर इसम मामले में सरकार ने मृत बच्चों के परिजनों को 10-10 रुपए देने का ऐलान किया था. हादसे के बाद गांव पहुंचीं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने दो बच्चों के परिजनों को संविदा पर नौकरी का ऑफर लैटर भी सौंपा.

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