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This Article is From Dec 21, 2015

विधानसभा चुनाव के बाद भी पीएम मोदी और उनके मंत्रियों का पीछा नहीं छोड़ रहा 'बिहार'

विधानसभा चुनाव के बाद भी पीएम मोदी और उनके मंत्रियों का पीछा नहीं छोड़ रहा 'बिहार'
नई दिल्‍ली:

बिहार के विधानसभा चुनाव में भाजपा नीत एनडीए गठबंधन की करारी हार के बाद भी 'बिहार फेक्‍टर' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों का पीछा नहीं छोड़ रहा। बिहार कैडर की ओर से मोदी सरकार पर हमले लगातार जारी है। खास बात यह है कि सरकार और उसके मंत्रियों पर यह हमले उसके 'अपनों' की ओर से ही किए जा रहे हैं।

इस मामले में ताजा उदाहरण बिहार से भाजपा सांसद कीर्ति आजाद का है। दिल्‍ली जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) में कथित भ्रष्‍टाचार के मामले में केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ बगावती बिगुल बजाने के बाद कीर्ति ने दो-टूक लहजे में कहा कि यदि जेटलीजी को लगता है कि मेरा पक्ष गलत है तो वे मुझ पर मानहानि का केस क्यों नहीं कर रहे।

1983 की वर्ल्‍डकप विजेता टीम के सदस्‍य कीर्ति आजाद ने एक ट्वीट में कहा, 'अरुण जेटली ने मेरा नाम क्यों हटा दिया। आपने तो मेरे लेटर देखे थे, मुझ पर करो ना केस। रजिस्टर्ड पोस्ट से मैंने भेजे थे।' पेश हैं ऐसे कुछ और उदाहरण जब सरकार और उनके मंत्रियों के खिलाफ उनके अपने ने ही निशाना साधा।

पाक से वार्ता पर यशवंत सिन्‍हा के तल्‍ख तेवर
प्रबल विरोधी पाकिस्‍तान के साथ वार्ता को लेकर अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे यशवंत सिन्‍हा ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। यशवंत ने कहा, ऐसा लगता है कि नवाज शरीफ के सामने केंद्र सरकार झुक गई। उन्‍होंने कहा कि जब केंद्र सरकार लगातार कहती रही है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकती तो फिर उसे अब यह भी बताना होगा कि आखिर क्या वजह थी जो एनएसए स्तर की बातचीत शुरू की गई।

शत्रुध्‍न सिन्‍हा बने हुए हैं 'परमानेंट शत्रु'
बिहार के पटना साहिब से सांसद शत्रुध्‍न सिन्‍हा तो लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के खिलाफ तीखे तेवर अपनाए हुए हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान अपने बयानों से भाजपा की नाक में दम करने वाले शत्रुध्‍न ने दिल्‍ली की केजरीवाल सरकार के  खास अफसर राजेंद्र कुमार के खिलाफ सीबीआई के छापों की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाए हैं।

उन्‍होंने ट्वीट करके कहा 'मैं दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा पीएम के खिलाफ इस्तेमाल की गई गलत भाषा को सही नहीं ठहरा रहा, लेकिन राजनीति में समय का बड़ा खेल होता है और ये समय रेड के लिए सही नहीं था। मैं हैरान हूं कि संसद सत्र के दौरान किसने छापेमारी का सुझाव दिया, जबकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल न सिर्फ काफी लोकप्रिय हैं बल्कि जनता के चहेते भी हैं। '

(पढ़िए- क्रिकेट में फैले भ्रष्टाचार पर 'आजाद जुबान' रखने वाले कीर्ति के बारे में खास बातें)

जेटली के खिलाफ पहले से मुखर हैं कीर्ति आजाद
डीडीसीए से जुड़े मामले में पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद काफी पहले से अरुण जेटली पर निशाना साधते रहे हैं। भाजपा की ओर से संयम बरतने की नसीहत को नजरअंदाज करते हुए कीर्ति ने एक प्रेस कान्‍फ्रेंस की। इसमें उन्‍होंने एक सीडी के जरिये कथित तौर पर यह बताने की कोशिश की कि जिन 14 फर्मों को करोड़ों रुपये के बिलों का भुगतान किया गया है उनमें से ज्यादातर फर्जी थीं। कीर्ति के अनुसार, एक-दो फर्में सही पाई गईं,  लेकिन उन्होंने कभी भी डीडीसीए के लिए किसी प्रकार का कार्य करने से इनकार किया।

बिहार की हार के बाद जमकर बोले थे सांसद भोला सिंह
बीजेपी के सांसद भोला सिंह ने बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को निशाने पर लिया था। उन्‍होंने कहा था कि इस हार पर भाजपा अध्‍यक्ष  अमित शाह को सफाई देनी चाहिए।

एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में भोला सिंह ने कहा था कि पार्टी के शीर्ष नेताओं ने चुनाव से संबंधित सभी अहम फैसले लिए हैं तो उन्हें हार की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्हें पार्टी की हार के कारण बताने होंगे, यदि वे स्वीकार्य नहीं होंगे तो उन्हें जाना होगा। शाह के विधानसभा चुनाव के दौरान पाकिस्‍तान में पटाखे चलने वाले बयान पर भोला सिंह ने कहा था कि इसकी कोई जरूरत नहीं थी। यह राष्ट्रीय चुनाव नहीं था बल्कि एक राज्य का चुनाव था।



 

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