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अब टाइगर सफारी की ऑनलाइन बुकिंग में भी घोटाला, ED ने 13.71 करोड़ रुपए की संपत्ति की सीज

टाइगर सफारी की ऑनलाइन बुकिंग में घोटाले की एक खबर सामने आई है. वित्तिय अनियमितता की पुष्टि के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने 13.71 करोड़ रुपए की संपत्ति की सीज की है.

अब टाइगर सफारी की ऑनलाइन बुकिंग में भी घोटाला, ED ने 13.71 करोड़ रुपए की संपत्ति की सीज

जगल में घूमना, बाघ सहित अन्य जंगली जानवरों को करीब से देखना आज-कल सैर-सपाटों के दीवानों का चहेता काम है. देश-विदेश से लोग इसके लिए अलग-अलग इलाकों में पहुंचते हैं. जंगल और बाघों को लेकर सैलानियों की बढ़ती दिलचस्पी के बाद कई टाइगर सफारी खुले. जहां आस-पास में बड़े-बड़े होटल बनाए गए. अब यह करोड़ों का कारोबार है. लेकिन अब इस कारोबार में भी घोटाले की कहानी सामने आई है. टाइगर सफारी से जुड़ा यह घोटाला हुआ है ऑनलाइन बुकिंग के मामले में. जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने 13.71 करोड़ रुपए की संपत्ति सीज की है.   

मामला महाराष्ट्र के नागपुर जिले में स्थित ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व से जुड़ा है. जहां की ऑनलाइन बुकिंग में हुई वित्तिय अनियमित्ता के मामले में ED ने 13.71 करोड़ रुपए की संपत्ति की सीज की है. 

ताडोबा अंदारी टाइगर रिजर्व से जुड़ा बुकिंग घोटाला

दरअसल प्रवर्तन निदेशालय ने नागपुर ने ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व (TATR) से जुड़े ऑनलाइन टाइगर सफारी बुकिंग घोटाले में 13.71 करोड़ रुपये मूल्य की चल-अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच कर दिया है. जब्त की गई संपत्तियों में चंद्रपुर और नागपुर जिलों में स्थित अचल संपत्तियां और विभिन्न व्यक्तियों एवं संस्थाओं के बैंक खातों में जमा पैसे शामिल हैं.

यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट  के तहत की गई है. घोटाले में अभिषेक विनोद कुमार ठाकुर और रोहित विनोद कुमार ठाकुर, जो वाइल्ड कनेक्टिविटी सॉल्यूशंस (WCS) के पार्टनर हैं, मुख्य आरोपी हैं.

ED की जांच और खुलासे

महाराष्ट्र पुलिस ने चंद्रपुर जिले में IPC की कई धाराओं के तहत FIR दर्ज की थी, जिसके आधार पर ED ने जांच शुरू की. जांच में सामने आया कि WCS को ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व द्वारा एक सर्विस लेवल एग्रीमेंट (SLA) के तहत नियुक्त किया गया था. कंपनी को पर्यटकों से एंट्री फीस, जीप फीस और गाइड  फीस इकठ्ठा करने की जिम्मेदारी दी गई थी.

करार की शर्तों का उल्लंघन कर की करोड़ों की हेराफेरी

हालांकि, WCS के पार्टनरों ने अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन किया और 2020-21 से 2023-24 के बीच कुल 16.5 करोड़ रुपये की हेराफेरी की. जनवरी 2025 में ED ने PMLA के तहत तलाशी अभियान चलाया था, जिसमें 1.42 करोड़ रुपये मूल्य के सोने, बुलियन और प्लेटिनम आभूषण जब्त किए गए थे. इसके अलावा कई डिजिटल उपकरण और महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद हुए.

जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों ने अपराध की कमाई का उपयोग व्यक्तिगत और संस्थागत संपत्तियों की खरीद तथा पूर्व में लिए गए कर्ज की अदायगी में किया था. मामले में ED की जांच अभी जारी है.
 

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