New Delhi:
सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) ने बुधवार को सिफारिश की कि विकास योजनाओं के लिए अधिगृहीत भूमि के लिए उसके मालिक को पंजीकृत मूल्य से छह गुना अधिक कीमत अदा की जाए। एनएसी की बैठक में भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास के मुद्दे पर सदस्यों ने व्यापक चर्चा की और भूमि अधिग्रहण के लिहाज से सरकार को भेजी जाने वाली सिफारिशों पर सहमति बनी। परिषद के सूत्रों ने कहा कि भूमि अधिग्रहण से जुड़े सभी मुद्दों के लिए एक ही कानून होना चाहिए और भूमि मालिक को उसकी जमीन के पंजीकृत मूल्य से छह गुना अधिक धन दिया जाए। एनएसी की सदस्य अरुणा रॉय ने कहा, सार्वजनिक उद्देश्य से सभी किस्म के भूमि हस्तांतरण को इस कानून के दायरे में लाया जाना चाहिए। भूमि अधिग्रहण से संबंधित मुद्दों पर एनएसी कार्यसमूह के संयोजक हर्ष मंदर ने कहा कि सरकार को भेजी जाने वाली सिफारिशों में भूमि मालिक को उसकी जमीन के पंजीकृत मूल्य से छह गुना अधिक धन देने का प्रस्ताव है। इसके अलावा सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के लिए भूमि अधिग्रहण करने के लिए परिषद ने कुछ प्रावधान प्रस्तावित किए हैं। बैठक में शामिल एक सदस्य ने कहा, एनएसी ने जो सिफारिश की है उसके मुताबिक यदि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के लिए जमीन लेगी तो व्यापक विचार विमर्श किया जाएगा और यदि निजी क्षेत्र के लिए जमीन अधिग्रहण करेगी तो इसके लिए प्रभावित होने वाले 75 प्रतिशत लोगों की लिखित मंजूरी अनिवार्य होगी। एनएसी सदस्य ने कहा कि जब कानून लागू किया जाएगा तो सामाजिक प्रभाव का आकलन होगा। उनके मुताबिक परिषद ने एकमुश्त मुआवजे के बजाय क्रमिक तौर पर राशि देने की सिफारिश की है। एनएसी ने अपनी सिफारिशों में अधिगृहीत भूमि से जुड़े कामगारों या मजदूरों को भी मुआवजे के दायरे में लाने का प्रस्ताव रखा है। बैठक में एकीकृत बाल विकास सेवा योजना के ढांचे में बदलाव की सिफारिश के साथ इसे व्यापक बनाने का प्रस्ताव रखते हुए इसके दायरे में दो साल तक के बच्चों पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई। साथ ही परिषद ने पूरी प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण करने की सिफारिश की है ताकि राज्य उसे अपने अनुसार अपना सकें। बैठक में पोषण आयोग बनाने का विचार भी रखा गया जो बच्चों और माताओं के पोषण के संबंध में सुझाव देगा और प्रधानमंत्री की पोषण परिषद को रिपोर्ट देगा। बैठक में फेरी और सड़क पर ठेले लगाने वालों के लिए एक केंद्रीय कानून लाने का प्रस्ताव रखा गया। सदस्य ने बताया कि फेरी वालों के कल्याण के लिहाज से कुछ सिफारिशें की गई हैं और उनके लिए शिकायत निपटारा केंद्र बनाने का भी प्रस्ताव किया गया है। देश में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे लोगों की पहचान और उनकी संख्या के मसले पर सोनिया की अगुवाई वाली एनएसी और केंद्र सरकार में मतभेदों की खबर के बीच आज की बैठक में ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव ने गरीबों की पहचान के संबंध में प्रक्रिया का प्रस्तुतिकरण दिया।
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