सोनी सोरी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
छत्तीसगढ़ में पिछले महीने तेजाब हमले का शिकार हुई आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता सोनी सोरी ने सोमवार को कहा कि उनके चेहरे की हालत नक्सल प्रभावित बस्तर इलाके में संघर्ष की झलक देती है।
जेएनयू के छात्रों को संबोधित किया
सोरी ने जेएनयू के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, ‘मेरा चेहरा आज बस्तर में संघर्ष का चेहरा है। हालत एक समान है। मुझे भी नक्सलियों से जुड़े होने के फर्जी मामले में जेल में डाला गया था, उसी तरह उसे (कन्हैया को) आतंकियों से तथाकथित संपर्कों के लिए फंसाया गया। मुझे खुशी है कि जेएनयू ने यह बड़ा आंदोलन छेड़ा जिससे कन्हैया को जमानत मिलने में मदद मिली।’ विश्वविद्यालय के प्रशासनिक प्रखंड में कन्हैया ने सोरी का परिचय छात्रों से कराया।
सोरी ने कहा, ‘जब पुलिसकर्मी महिलाओं के साथ बलात्कार करते हैं तो सरकार कुछ नहीं कहेगी लेकिन इस मामले में उन्होंने अपने सारे हथकंडे अपना लिए लेकिन कन्हैया के खिलाफ एक सबूत नहीं जुटा सके। जेएनूय के छात्रों ने 2011 से लेकर हमेशा मेरी लड़ाई में एकजुटता दिखाई है।’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
जेएनयू के छात्रों को संबोधित किया
सोरी ने जेएनयू के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, ‘मेरा चेहरा आज बस्तर में संघर्ष का चेहरा है। हालत एक समान है। मुझे भी नक्सलियों से जुड़े होने के फर्जी मामले में जेल में डाला गया था, उसी तरह उसे (कन्हैया को) आतंकियों से तथाकथित संपर्कों के लिए फंसाया गया। मुझे खुशी है कि जेएनयू ने यह बड़ा आंदोलन छेड़ा जिससे कन्हैया को जमानत मिलने में मदद मिली।’ विश्वविद्यालय के प्रशासनिक प्रखंड में कन्हैया ने सोरी का परिचय छात्रों से कराया।
सोरी ने कहा, ‘जब पुलिसकर्मी महिलाओं के साथ बलात्कार करते हैं तो सरकार कुछ नहीं कहेगी लेकिन इस मामले में उन्होंने अपने सारे हथकंडे अपना लिए लेकिन कन्हैया के खिलाफ एक सबूत नहीं जुटा सके। जेएनूय के छात्रों ने 2011 से लेकर हमेशा मेरी लड़ाई में एकजुटता दिखाई है।’
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