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निकाह से पहले मुस्लिम रुखसाना ने अपनाया हिंदू धर्म, प्रेमी के साथ लिए सात फेरे

मध्य प्रदेश के धार में रहने वाली एक मुस्लिम लड़की अपने हिंदू प्रेमी से शादी करने के लिए घर से भागकर खंडवा चली आई. उसने हिंदू धर्म अपनाकर मंदिर में सात फेरे लिए. इस लड़की की 27 नवंबर को निकाह होने वाला था.

निकाह से पहले मुस्लिम रुखसाना ने अपनाया हिंदू धर्म, प्रेमी के साथ लिए सात फेरे
खंडवा:

कहते हैं कि इंसान प्रेम में सरहद हो या दरिया सब पार कर जाता है. खंडवा में भी कुछ ऐसा हीं हुआ है, जहां धार जिले के रहने वाली एक मुस्लिम युवती रुखसार ने अपने प्रेमी विशाल को पाने के लिए न सिर्फ धर्म की सीमाएं लांघ दी. प्रेम में पगी युवती ने बल्कि खुद का धर्म परिवर्तन भी करवा लिया. शादी के बाद नवयुगल को रामायण की एक प्रति भेंट की गई. इस्लाम त्याग कर हिंदू धर्म अपनाने वाली इस युवती ने कहा कि  वह अब तक रामायण की कहानियां सुनती आई थी, लेकिन अब उसे पढ़कर वह अपना जीवन धन्य करना चाहती है.

कहां की रहने वाली है हिंदू धर्म अपनाने वाली मुस्लिम युवती

धार की रहने वाली रुखसार का 27 नवंबर को निकाह होने वाला था. लेकिन उससे पहले ही उसने जीवन का एक अहम और बड़ा फैसला ले लिया. अपने प्रेमी विशाल से विवाह करने के लिए वह धार जिले से भाग कर खंडवा आ गई. उसने महादेवगढ़ मंदिर के संरक्षक अशोक पालीवाल से पूरी बात बताई. इसके बाद पालीवाल  ने विधि विधान के साथ युवती का पहले धार्मिक अनुष्ठान कर सनातन धर्म में प्रवेश करवाया. उन्होंने रुखसार को नया नाम वंशिका दिया. इसके बाद महादेवगढ़ मंदिर में विवाह की प्रक्रिया शुरू करवाई गई.मंत्रोचार के बीच विशाल और वंशिका ने सात फेरे लिए. इसके साथ ही यह विवाह संपन्न हुआ. इसके बाद विशाल ने वंशिका को मंगलसूत्र पहना कर जीवनसाथी के रूप में उसको अपना लिया.इस अवसर पर मंदिर कमेटी की तरफ से महादेवगढ़ भगवान की महाआरती की गई.

मंदिर कमेटी ने दूल्हा दुल्हन को भेंट की रामायण 

स्थानीय लोगों ने दुल्हन को आशीर्वाद दिया. इसके बाद मंदिर कमेटी की तरफ से दूल्हा-दुल्हन को रामायण की एक प्रति भेंट की गई. वंशिका ने कहा इस रामायण में कहानी है कि भगवान राम ने अपनी पत्नी को पाने के लिए समुद्र पर भी सेतु बांध दिया था.श्रीराम को आदर्श पति के रूप में देखा जाता है, यह सिर्फ कहानियों में सुनती आई थी लेकिन रामायण के माध्यम से पढ़कर अपने भी जीवन को धन्य करना चाहती हूं.

हिंदू युवक से विवाह करने वाली युवती को 27 नवंबर को विवाह होने वाला था. लेकिन उसके प्रेम विवाह से उसके परिजनों में काफी नाराजगी है. लेकिन युवती का कहना है की परिवार भले ही नाराज हो जाए मैंने अपना फैसला खुद लिया है, क्योंकि मुझे मालूम है सनातन धर्म में महिलाओं का काफी सम्मान होता है जो इस्लाम में कहीं नहीं है.

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