
- मेरठ जेल में बंद मुस्कान ने अपनी साथी कैदियों से कहा कि उसका बच्चा भगवान कृष्ण जैसा हो.
- मुस्कान साढ़े पांच महीने की गर्भवती है और जेल में डॉक्टरों द्वारा नियमित चेकअप किया जा रहा है.
- जेल में नशा मुक्ति केंद्र की मदद से मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल की नशे की लत पूरी तरह छूटी है.
मेरठ के चर्चित सौरभ हत्याकांड में मेरठ जेल में बंद उसकी पत्नी मुस्कान चाहती है कि उसका बच्चा भगवान कृष्ण जैसा बच्चा पैदा हो. मेरठ के चर्चित सौरभ हत्याकांड में जेल में बंद मुस्कान ने अपनी साथी कैदियों से यह इच्छा जताई है. मुस्कान के साथ उसका प्रेमी साहिल भी जेल में बंद है. दोनों ने पहले सौरभ की हत्या की और फिर उसके शरीर के टुकड़े करके नीले ड्रम में पैक कर दिया था. मुस्कान साढ़े पांच महीने की प्रेग्नेंट है और जेल में ही उसका ध्यान रखा जा रहा है. मेरठ जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने एक खास बातचीत में मुस्कान की इस ख्वाहिश से लेकर उसकी जमानत की इच्छा और उसके नशे की आदत के बारे में सबकुछ बताया है.
क्योंकि जेल में ही जन्में थे कृष्ण
वीरेज राज शर्मा ने बताया कि मुस्कान ने कहा है भगवान श्रीकृष्ण का जन्म जेल में हुआ था और अब वह चाहती है कि उसका बच्चा भी उन्हीं के जैसा हो. भगवान कृष्ण जैसा बच्चा हो.वीरेश राज शर्मा के अनुसार हर मां यही चाहती है कि बच्चा भगवान कृष्ण जैसा हो और यही ख्वाहिश मुस्कान की भी है. उन्होंने इस बात की जानकारी भी विस्तार से दी कि जेल में मुस्कान का ध्यान कैसे रखा जा रहा है.
जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने बताया कि गर्भवती महिलाओं की एक एसओपी को जेल में फॉलो किया जाता है. इस एसओपी के तहत जेल के डॉक्टर उसका चेकअप करते हैं और बाहर से भी गायनोकोलॉजिस्ट आती हैं. हर 15 दिन में उसका चेकअप होता है. अगर जरूरत पड़ती है तो जिला महिला अस्पताल में भेजा जाता है. तीनों स्तर पर काम हो रहा है. जो दवाईयां लिखी गई हैं, वह भी उसे प्रोवाइड कराई जा रही है. उसकी प्रेग्नेंसी नॉर्मल है और जो डाइट लिखी गई है जैसे फल, दूध आदि वो भी उसे दिए जा रहे हैं.
कैसे छूटी मुस्कान की नशे की लत
मुस्कान और साहिल दोनों ही नशे के आदी थे लेकिन अब जेल में उनकी यह लत छूट गई है. जब जेल अधीक्षक से पूछा गया कि यह कैसे हुआ तो उनका कहना था कि इसके लिए बड़ी मेहनत की गई. शुरुआत में मुस्कान को नशे की बहुत बड़ी समस्या थी और वह दोनों तरह का नशा जिसमें सूखा और इंजेक्शन से लिया गया नशा शामिल है, करती थी. जेल में जो नशा मुक्ति केंद्र है, वहां पर उसका और साहिल का इलाज करवाया गया.
साथ ही ड्रग डी-एडिक्शन की दवाईयां दी गई थी, वो भी दोनों को मुहैया कराई गईं. साथ ही बाहर से काउंसलर भी बुलाए गए थे. उनके जरिये से इनका नशा पूरी तरह से छूट गया है और अब स्थिति सामान्य है. साहिल बागवानी आदि काम कर रहा है. लेकिन अभी मुस्कान से कोई काम नहीं करवाया जा रहा है क्योंकि नियम के तहत गर्भवती महिलाओं से काम नहीं कराया जाता है.
जमानत की है ख्वाहिश
दोनों ही अब जमानत चाहते हैं और इस पर जेल अधीक्षक ने बताया कि साहिल के लिए वकील उसके घर वालों ने किया था और वह अपना केस खुद लड़ रहे हैं. मुस्कान के पास कोई वकील नहीं था. यहां से दोनों की जमानत खारिज हो चुकी है. साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से यहां केस लड़ा गया था. अब हाई कोर्ट में एक प्रोवोनो लीगल सर्विस प्रोवाइड कराने के लिए हाई कोर्ट से अपील की गई है. मुस्कान चाहती है कि प्रेग्नेंसी के ग्राउंड पर बच्चे की देखरेख के लिए और डिलीवरी तक और जब तक बच्चा छोटा है तब तक उसे जमानत दे दी जाए. उसकी तरफ से ऐसी अपील हाई कोर्ट से की गई है. हाई कोर्ट जैसा आदेश देगा उसका पालन किया जाएगा.
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