
- GST काउंसिल ने 12 फीसदी और 28 फीसदी वाले स्लैब्स को खत्म कर केवल 5 फीसदी और 18 फीसदी वाले स्लैब्स कर दिए हैं.
- सीमेंट, एसी, टीवी, डिश वॉशर जैसे सामानों पर जीएसटी दर घटाकर 18 प्रतिशत कर दी गई है, जो कि बहुत बड़ी राहत होगी.
- हेयर ऑयल, टूथपेस्ट और रोजमर्रा के अन्य घरेलू सामानों पर GST घटाकर 5% कर दिया गया है, जिससे घरखर्च कम होगा.
GST Reforms: शर्माजी की फैमिली में आज सभी खुश हैं. शर्माजी खुश हैं कि उनके लिए घर का इंतजाम करना आसान हो गया है. पत्नी खुश हैं कि किचन से लेकर रोजमर्रा की जरूरतों के कई सामान सस्ते हो गए. उनका बड़ा बेटा राहुल खुश है कि उसे बाइक चाहिए थी, जो कि अब पापा के बजट में आ जाएगा. छोटी बेटी प्रिया खुश है कि स्कूल जाने के लिए दादाजी से नई साईकिल की जिद अब पूरी करवा लेगी. शर्मा जी के बुजुर्ग माता-पिता भी खुश हैं कि दवाओं का खर्च कम हो जाएगा, साथ ही इंश्योरेंस प्रीमियम भी सस्ता पड़ेगा.
आज केवल शर्माजी ही नहीं, बल्कि देश की लगभग हर फैमिली खुश है. GST काउंसिल की मीटिंग के बाद हर वर्ग, हर उम्र के लोगों पर राहत की ऐसी छप्परफाड़ बारिश हुई कि दिवाली से पहले ही दिवाली का माहौल बन गया है. महिला, पुरुष, बच्चे, बूढ़े सभी बम-बम हैं. शर्माजी कह रहे कि इतनी खुशी तो बजट की घोषणाओं के बाद भी नहीं हुई थी. हालांकि टैक्स रीस्ट्रक्चरिंग की नींव तभी रखी जा चुकी थी. लंबे समय से चल रही कवायद के बाद आखिरकार GST सुधार की योजना साकार हो ही गई.
आखिर ऐसा क्या हो गया?
जीएसटी काउंसिल के फैसले के मुताबिक, 12 फीसदी और 28 फीसदी वाले स्लैब्स को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है, यानी अब केवल 5 फीसदी और 18 फीसदी वाले स्लैब रहेंगे. इससे मिडिल क्लास फैमिली ने सबसे ज्यादा राहत की सांस ली है. हालांकि सिन गुड्स और लग्जरी गुड्स के लिए 40 फीसदी टैक्स की एक अलग कैटगरी रहेगी, लेकिन इसका असर बहुतायत लोगों पर नहीं पड़ने वाला. तो कुल मिलाकर मामला चकाचक है.
आइए जानते हैं कि शर्माजी की फैमिली में किसके हिस्से कौन-सी खुशियां आईं. और ये ध्यान रखिएगा कि आपकी फैमिली में भी तो यही राहतें लागू होंगी. तो चलिए शुरू करते हैं.
शर्माजी ने ली राहत की लंबी सांस
लंबे समय से किराये के मकान में रह रहे शर्माजी ने राहत की सांस ली है. कई वर्षों से वे अपने घर का सपना देख रहे थे. कभी फ्लैट लेने तो कभी अपना प्लॉट लेकर मकान बनवाने की उधेड़बुन में थे. अब चूंकि सीमेंट पर जीएसटी 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दी गई है, तो दोनों ही स्थितियों में मकान सस्ता पड़ने वाला है.
नया घर बन जाएगा तो उसमें लगाने के लिए एसी, कूलर, टीवी, डिश-वॉशर भी काफी सस्ता पड़ेगा. एसी, टीवी (32 इंच से ऊपर), एलईडी और एलसीडी, डिश वॉशिग मशीन पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है.

तो इसलिए चहक रही हैं शर्माजी की वाइफ
शर्माजी की वाइफ तो आज बहुत ही ज्यादा खुश हैं. शर्माजी का क्या है, सैलरी लाकर एक हिस्सा हाथ में रख देते हैं, अब घर का खर्चा मैनेज करना तो उन्हीं को पड़ता है. अब चूंकि रोजमर्रा की जरूरत के सामान काफी हद तक सस्ते होने वाले हैं, सो उनके पास हर महीने बचत के रूप में एक अमाउंट होगा. हेयर ऑयल, शैंपू, टूथपेस्थ, साबुन, टूथ ब्रश, शेविंग क्रीम 18% से 5% जीएसटी के दायरे में आ गए हैं. वहीं, मक्खन, घी, चीज, पैकेट वाली नमकीन, भुजिया, मिक्चर वगैरह 12% से 5% जीएसटी के दायरे में आ गए हैं. सिलाई मशीन और उसके पार्ट्स भी अब 12% से 5% के दायरे में आ गए हैं.
...और खुशी से उछल गए बच्चे
घर के बच्चे आज बहुत चहक रहे हैं. स्कूली पढ़ाई का खर्च अब कम होने वाला है. केंद्र ने एजुकेशन सामग्री में बड़ी राहत दी है और नोटबुक्स से लेकर पेंसिल, शार्पनर, इरेजर तक सब पर लगने वाला 12% टैक्स पूरी तरह खत्म कर दिया है. मैप्स, चार्ट्स और ग्लोब्स वगैरह पर भी टैक्स अब निल यानी जीरो कर दिया गया है. यानी कि ये सारे सामान अब अपनी मूल कीमतों पर मिलेंगे. अब बच्चे कम कीमत में अच्छी क्वालिटी के सामान खरीद पाएंगे. बच्चों के खिलौने पर भी जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दी गई है.

घर के बुजुर्ग बोले- आज तो कमाल हो गया
एक बड़ी राहत घर के बुजुर्गों को इंश्योरेंस के मोर्चे पर मिली है. उनके हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम का खर्च अब काफी कम होने वाला है. जीएसटी काउंसिल ने लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी कर दी है. हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाला 18% टैक्स केंद्र ने खत्म कर दिया है. लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर भी अब कोई टैक्स नहीं लगेगा. हेल्थकेयर के अन्य प्रॉडक्ट्स पर भी टैक्स कम किया गया है. जैसे कि थर्मामीटर अब 18% से 5% के दायरे में ला दिया गया है. मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, ग्लूकोमीटर और टेस्ट स्ट्रिप्स पर अब 12% की बजाय 5% जीएसटी ही लगेगा.

कुल मिलाकर देखा जाए तो जीएसटी दरों में कटौती के फैसलों से आम आदमी को बड़ी राहत मिली है. इससे परिवार के हर सदस्य के चेहरे खिल गए हैं. चाहे पति हो, पत्नी हो, बच्चे हों या बुजुर्ग, हर किसी को ऐसी राहत मिली है, जिसने हर फैमिली को ‘हैप्पी फैमिली' बना दिया है.
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