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This Article is From Sep 14, 2017

शिंजो आबे आए हैं बुलेट ट्रेन लाए हैं : समुद्र के नीचे से भी होगा रूट, इतना होगा खर्चा, जानें सबकुछ

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की कुल लागत 1.10 लाख करोड़ रुपये की है. इसके लिए 88 हजार करोड़ रुपये जापान सरकार क़र्ज़ के रूप में देगी.

शिंजो आबे आए हैं बुलेट ट्रेन लाए हैं : समुद्र के नीचे से भी होगा रूट, इतना होगा खर्चा, जानें सबकुछ
मुंबई से अहमदाबाद तक चलेगी बुलेट ट्रेन
अहमदाबाद: जापान के पीएम शिंजो आबे के भारत दौरे का आज दूसरा दिन है. आज सबकी निगाहें अहमदाबाद में टिकी होंगी जहां शिंजो आबे और पीएम मोदी बुलेट ट्रेन की नींव रखेंगे. साबरमती रेलवे स्टेशन के नज़दीक Athletic Stadium में बुलेट ट्रेन की नींव रखने का कार्यक्रम होगा. बुलेट ट्रेन अपनी तेज रफ्तार और वक्त की पाबंद रहने के लिए जानी जाती है,यही वजह है कि देश के हेवी ट्रैफिक रूटों पर इसकी जरूरत महसूस की जा रही थी और अब मुंबई-अहमदाबाद से इसकी शुरुआत हो रही है.

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बुलेट ट्रेन से जुड़ी खास बातें
  • पहली बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद का 508 किमी का फासला तय करेगी
  • उसे करीब 3 घंटे का वक्त लगेगा और ट्रेन की रफ्तार 320 किमी/घंटा के करीब होगी
  • मौजूदा सबसे तेज ट्रेन से ये दूरी तय करने में 7-8 घंटे का वक्त लगता है
  • बुलेट ट्रेन BKC यानी बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स से शुरू होकर ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, बिलीमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा,आणंद, अहमदाबाद के रास्ते साबरमती पहुंचेगी.
  • इनमें से BKC,ठाणे, विरार और बोईसर ही महाराष्ट्र में हैं बाकी गुजरात में
  • इस रूट के मुताबिक-ठाणे और वसई के बीच 7 किमी समंदर के नीचे दौड़ेगी 
  • रिपोर्ट के मुताबिक-अगले 6-8 महीने में काम शुरू हो जाएगा
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बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की लागत
  • बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की कुल लागत 1.10 लाख करोड़ की है
  • जिसके लिए 88 हजार करोड़ जापान सरकार क़र्ज़ देगी
  • ये क़र्ज़ 0.1% के रेट पर मिलेगा जिसे 50 साल में चुकाना होगा
  • इससे संगठित क्षेत्र में 24 हज़ार रोजगार पैदा होंगे
  • 24 ट्रेनें जापान से आएंगी, बाकी भारत में बनेंगी
  • मेक इन इंडिया को ताक़त मिलेगी
  • भारत में बनेंगे उपकरण और कोच
  • टेक्नोलॉजी का ट्रांसफर भी होगा 
  • कॉरिडोर के किनारे औद्योगिक विकास होगा
  • दूसरे हाइस्पीड प्रोजेक्ट को मदद
कितनी सुरक्षित है बुलेट ट्रेन?
  • 1964 से चल रही shinkansen का बेहतरीन रिकार्ड
  • अभी तक कहीं कोई हादसा नहीं
  • 250-320 किमी/घंटे की रफ़्तार
  • 15 देशों में चलती है बुलेट ट्रेन
  • 1 मिनट से भी कम है अधिकतम देरी का रिकार्ड
अक्सर ये सवाल उठते रहे हैं कि आखिर बुलेट ट्रेन क्यों जरूरी है, क्योंकि इस पूरे प्रोजेक्ट के साथ एक बड़ी रकम का निवेश जुड़ा है, वहीं दूसरे पक्ष का मानना है कि इससे ट्रैफिक में क्रांतिकारी बदलाव आएगा, रोजगार बढ़ेंगे और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी.

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