आरबीआई की ओर से पीएमसी खाताधारकों पर बैंक से 25 हजार से ज्यादा रकम निकालने पर पाबंदी का ग्राहकों पर बुरा असर हो रहा है. लोग अपना गुजारा नहीं कर पा रहे हैं. फीस और दवाइयों के लिए भी लोगों के पास पैसे नहीं हैं. किसी परिवार में शादी है और वह पैसा न होने के कारण परेशान है. किसी परिवार में गंभीर बीमारी से पीड़ित सदस्य के इलाज के लिए पैसे नहीं हैं. बैंक में पैसा होने के बावजूद रकम निकालने पर रोक के कारण बैंक के खाताधारक जरूरतें पूरी करने के लिए दर-दर पर जाकर कर्ज लेने, गहने गिरवी रखने के लिए मजबूर हैं.
पीड़ित बाल अहलूवालिया ने कहा कि 'हमने देख लिया कोई हमारा नहीं है. हमने दुनिया के सामने खड़े होकर कहा था मैं भी चौकीदार, चौकीदार साहब जागिए, आपके आंखों के नीचे से चोरी हुई है.'
करीब 41 साल काम करने के बाद अपनी पूरी जमा पूंजी पीएमसी बैंक में रखने वाले बाल अहलूवालिया पिछले दो हफ्तों से बैंक में रोज़ चक्कर लगा रहे हैं. इस साल इनके बेटे को मास्टर्स की पढ़ाई करने के लिए कनाडा जाना है, लेकिन पैसे नहीं होने के कारण अब एडमिशन कैंसिल होने की आशंका है. खुद का पैसा होने के बाद दूसरी जगह से कर्ज लेना पड़ रहा है. बाल अहलूवालिया कहते हैं कि 'बेटे का एडमिशन कनाडा में हुआ है. अब वहां से संदेश आया है कि फीस नहीं भरा तो एडमिशन रद्द. आप बताइए मैं क्या करूं?'
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61 वर्षीय विश्वनाथ शेट्टी की बेटी की जनवरी में शादी है. बैंक से लेन-देन बंद होने के दो दिन पहले ही उन्होंने लाखों रुपये बैंक में जमा करवाए. अब जब शादी में खर्च करने के लिए पैसे निकालने हैं तो बैंक केवल 25 हजार रुपये दे रहा है. विश्वनाथ शेट्टी की आंखें नम हैं और उन्हें नहीं सूझ रहा कि आगे क्या करें. विश्वनाथ शेट्टी ने कहा कि मेरी बेटी मुझसे कहती है पापा आप चिंता मत करो हम कुछ कर लेंगे. मैं उनसे कहता हूं कि तेरी शादी मैं ही करवाऊंगा.
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पीएमसी बैंक की ओर से पैसों के लेनदेन पर लगी रोक के बाद से ही लोग परेशान हैं और अपने भविष्य को लेकर चिंतित. मंजुला कोटियान का सारा पैसा पति के इलाज पर खर्च हो गया. कुछ पैसा उन्होंने बेटी की शादी और भविष्य के लिए जमा किया था. लेकिन अब गहने गिरवी रखकर गुजारा करना पड़ रहा है. हार्ट सर्जरी कराने वाले मरीजों के पास दवाइयों के भी पैसे नहीं हैं. मंजुला कोटियान ने कहा कि 'परसों हमने दो गहनों को गिरवी रखा तब हमारा गुजारा हुआ. हमारे पास कैश नहीं है. अब क्या करें?' पीड़ित शंकर कोटियान ने कहा कि 'परसों से हम लोगों ने खाना नहीं खाया, ऐसी हालात है.'
एक पीड़ित ने कहा कि 'एक डॉक्टर की फीस पांच हजार रुपये है. दवाई महंगी हैं. हमारी बेटी की किडनी ट्रांसप्लांट हुई है. उसकी दवाई के लिए भी पैसे लगते हैं. हमारा ही पैसा हमें नहीं मिलता है. मोदीजी क्या कर रहे हैं?'
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आर्थिक हालात से तंग आकर अंधेरी में पीएमसी ग्राहकों ने इस बार की दिवाली को काली दिवाली का नाम दिया है और इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. अब यह लोग दिन-रात बैंकों के बाहर प्रदर्शन करके अपना पैसा सरकार से मांगेंगे.
VIDEO : पीएमसी बैंक के खाताधारक परेशान
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