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This Article is From Dec 09, 2020

मुंबई: ब्लड बैंकों में खून की भारी कमी, शिवसेना की अपील- 'तुम खून दो, मैं चिकन या पनीर दूंगा!'

मुंबई के ब्लड बैंकों में हर ग्रुप के खून की कमी, लोगों में कोरोना संक्रमण का डर, बीजेपी ने कहा रक्त की कमी के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार

मुंबई: ब्लड बैंकों में खून की भारी कमी, शिवसेना की अपील- 'तुम खून दो, मैं चिकन या पनीर दूंगा!'
प्रतीकात्मक फोटो.
मुंबई:

कोरोना वायरस (Coronavirus) का हॉटस्पॉट बनने के बाद मुंबई (Mumbai) अब खून की भारी क़िल्लत से गुज़र रही है. ब्लड बैंकों में हर ग्रुप के खून की क़िल्लत है. शहर में रक्तदान (Blood Donation) के लिए अपील करते नेता खून के बदले चिकन-पनीर बांटने की घोषणा कर रहे हैं. तुम खून दो, मैं चिकन या पनीर दूंगा! मुंबई में शिवसेना (Shiv Sena) नेता अब रक्तदान के लिए इस तरह के पोस्टर के जरिए लुभा रहे हैं. ये नौबत इसलिए आई क्योंकि शहर के ब्लड बैंक खून की भारी किल्लत झेल रहे हैं. इसको लेकर विपक्ष को नया मुद्दा मिला है. 

शिवसेना नेता समाधान सरवणकर कहते हैं कि ‘'13 दिसंबर को कैम्प लगा रहे हैं. उससे पहले ज़्यादा से ज़्यादा लोग आएं ये कोशिश है...शहर को खून की ज़रूरत है. लोगों को आकर्षित करने  के लिए ऐसा कर रहे हैं.''

बीजेपी (BJP) विधायक राम कदम ने कहा कि ‘'महज चंद दिनों का खून बचा है, ऐसी नौबत आई क्यों? बीएमसी में शिवसेना है, खुद सीएम शिवसेना के हैं. इस किल्लत का कारण महाराष्ट्र सरकार की कोताही है. अब अलग-अलग नेता लोगों को खून दान के लिए लुभा रहे हैं, पर राज्य सरकार क्या कर रही है?''

शहर के ब्लड बैंक बताते हैं कि सिर्फ रेयर ब्लड ग्रुप ही नहीं, आसानी से मिलने वाले ब्लड ग्रुप का रक्त भी खत्म हो रहा है. समर्पण ब्लड बैंक की दर्शना उपाध्याय ने बताया कि ‘'आज की तारीख में हर ब्लड ग्रुप की तकलीफ़ है. एक समय ऐसा था O+, B+ अगर ज़्यादा हैं डोनर, तो हम उनका नम्बर लिखकर रखते थे. कहते थे जब जरूरत पड़ेगी तो बुलाएंगे, लेकिन मार्च से यह पोजीशन एकदम बदल गई है. आज की तारीख में O+, B+ पूरा खत्म हो रहा है.''

ग्लोबल हॉस्पिटल के हेड-ब्लड बैंक डॉ राजीव निकटे के अनुसार मार्च से अब तक ब्लड डोनेशन में 40% की कमी आई है. ब्लड बैंक की टेक्निकल सुपरवाइज़र  पूनम यादव कहती हैं कि ‘'इसकी अवेयरनेस ना होने के कारण लोग अभी भी डरे हुए हैं, कि हमें भी कहीं इन्फ़ेक्शन ना लग जाए और फिर कहीं परिवार के लोगों को तकलीफ़ ना हो, ये सबसे बड़ा कन्सर्न है लोगों का.''

खून की कमी, कैंसर, थैलेसीमिया के मरीजों के लिए ज्यादा चिंताजनक स्थिति है. फोर्टिस हॉस्पिटल के इंचार्ज-ब्लड बैंक डॉ ललित धनतोले ने कहा कि ‘'कैंसर, थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया, हीमोफीलिया के मरीजों को मंथली बेसिस पर रेगुलर खून की ज़रूरत रहती है. सबसे ज्यादा इन्हें दिक्कत आ रही है, क्योंकि रेगुलर ब्लड डोनर नहीं आ पा रहे हैं. अब हमने एग्रेसिव कॉलिंग शुरू की है हमारे डोनर को, सोशल मीडिया मुहिम चला रहे हैं.''

कोविड के खौफ से ऊपर उठकर जो मुंबईकर रक्तदान कर रहे हैं, वो लोगों से आगे बढ़कर खून दान करने की अपील कर रहे हैं. वे कहते हैं कि अगर हम डोनेट नहीं करेंगे तो बाकियों की जान कैसे बचेगी?  कृपया डोनेट करिए डरिए नहीं. मुंबई वासियों को इसकी जरूरत है. मेरे खून से मदद मिलेगी.

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