मुंबई (Mumbai) से लेकर विरार रेलवे स्टेशन यानी पश्चिम रेलवे पर अपराधो में 70 फीसदी कमी आई है, जबकि डिटेक्शन तीन गुना बढ़ गया है. ये दावा है आरपीएफ के सीनियर कमांडेंट विनीत खर्ब का. विनीत खर्ब के मुताबिक कोरोना के पहले साल 2019 में जब सब कुछ सामान्य था तब 12 हजार के करीब चोरी के मामले दर्ज हुए थे लेकिन साल 2022 में अभी तक सिर्फ 3500 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि डिटेक्शन तीन गुना बढ़ा है. साल 2019 में कैमरे की मदद से सिर्फ 100 अपराधी पकड़े गए थे इस साल अभी तक ये आंकड़ा बढ़ कर 300 के करीब हो चुका है.
पश्चिम रेलवे आरपीएफ वरिष्ठ सुरक्षा कमांडेंट विनीत खर्ब के मुताबिक ये चमत्कार हुआ है पश्चिम रेलवे के स्टेशनों पर लगे 2729 सीसीटीवी कैमरों की वजह से. चर्चगेट से लेकर विरार सभी स्टेशनों पर लगे कैमरों में 450 कैमरे FRS यानी फेस रिकॉग्निशन सिस्टम तकनीक से लैस हैं.
सर्वर में फीड अपराधी के कैमरे के फ्रेम में आते ही कंट्रोल रूम में अलर्ट जाता है और स्टेशन पर मौजूद आरपीएफ और जीआरपी के जवान जाकर उसे पकड़ लेते हैं. आरपीएफ के मुताबिक सीसीटीवी कैमरे ना सिर्फ डिटेक्शन में मदद कर रहे हैं बल्कि कैमरो की वजह से पकड़े जाने के डर से अपराधियों को स्टेशन पर आने से भी रोकते हैं. यही वजह है कि अपराध में इतनी कमी आई है. पश्चिम रेलवे पर चर्चगेट तक कुल 12 सीसीटीवीवी कंट्रोल रूम हैं जहां आरपीएफ के जवान 24 घंटे निगरानी रखते हैं.
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