बॉम्बे हाईकोर्ट की फाइल फोटो
मुंबई:
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई के मालवणी इलाके में सरकारी जमीन पर बने 14 स्कूलों को गैर-कानूनी बताया है। कोर्ट ने प्रशासन से इस पर जवाब मांगा है। इस मामले पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने इन स्कूलों को गिराने का आदेश दिया है। इस आदेश का विरोध करते हुए इन स्कूलों के प्रिंसिपल के साथ-साथ बच्चों के माता-पिता तीन दिन से हड़ताल पर बैठे हैं। कलेक्टर शेखर चन्ने का कहना है, 'स्कूल सरकारी जमीन पर बने हैं।
सरकार ने हमसे जवाब मांगा है कि इस मामले पर क्या ऐक्शन लिया जा रहा है और अभी हमने सिर्फ 2 स्कूलों के डेमोलिशन का आदेश जारी किया है। वहीं स्कूलों का कहना है कि अगर स्कूल गैर-कानूनी हैं, तो उन्हें हर तरह की सरकारी मान्यता क्यों दी गई?
होली एंजेल स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है, 'हमारे स्कूल को म्युनिसिपैलिटी से मान्यता प्राप्त है, हमारे पास सभी सरकारी रिकॉग्निशन पेपर्स हैं, हमारे स्कूल बोर्ड सेंटर से लेकर वोटिंग सेंटर भी होते हैं। ऐसे में इतने सालों बाद हमारे स्कूल को गैर-कानूनी कैसे कहा जा सकता है।'
हड़ताल पर बैठे माता-पिता भी इस फैसले के खिलाफ स्कूलों का साथ दे रहे हैं। उनका कहना है कि इस साल एकेडमिक सेशन शुरू हो चुका है। ऐसे में उनके बच्चों का एक साल ख़राब हो जाएगा। हमारे बच्चे कहां जायेंगे और सरकार बाकी गैर-कानूनी चीज़ों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही। अभी स्कूलों के डेमोलिशन पर 13 जुलाई तक स्टे है। मामले की अगली सुनवाई में 13 जुलाई को इन स्कूलों पर और इनमें पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य का फैसला होगा।
सरकार ने हमसे जवाब मांगा है कि इस मामले पर क्या ऐक्शन लिया जा रहा है और अभी हमने सिर्फ 2 स्कूलों के डेमोलिशन का आदेश जारी किया है। वहीं स्कूलों का कहना है कि अगर स्कूल गैर-कानूनी हैं, तो उन्हें हर तरह की सरकारी मान्यता क्यों दी गई?
होली एंजेल स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है, 'हमारे स्कूल को म्युनिसिपैलिटी से मान्यता प्राप्त है, हमारे पास सभी सरकारी रिकॉग्निशन पेपर्स हैं, हमारे स्कूल बोर्ड सेंटर से लेकर वोटिंग सेंटर भी होते हैं। ऐसे में इतने सालों बाद हमारे स्कूल को गैर-कानूनी कैसे कहा जा सकता है।'
हड़ताल पर बैठे माता-पिता भी इस फैसले के खिलाफ स्कूलों का साथ दे रहे हैं। उनका कहना है कि इस साल एकेडमिक सेशन शुरू हो चुका है। ऐसे में उनके बच्चों का एक साल ख़राब हो जाएगा। हमारे बच्चे कहां जायेंगे और सरकार बाकी गैर-कानूनी चीज़ों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही। अभी स्कूलों के डेमोलिशन पर 13 जुलाई तक स्टे है। मामले की अगली सुनवाई में 13 जुलाई को इन स्कूलों पर और इनमें पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य का फैसला होगा।
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