समाजवादियों के आदर्श राम मनोहर लोहिया का पैतृक गांव अकबरपुर सैफई से बहुत दूर नहीं है, लेकिन लोहिया के आदर्श आज यहां आसपास भी कहीं नहीं दिखते। दो बड़े सोशलिस्ट नेताओं मुलायम सिंह यादव और लालू प्रसाद यादव के परिवारों के बीच हो रहे रिश्ते का तिलक समारोह भी सादगी से दूर चमक दमक और सरकारी अमले के इस्तेमाल से सराबोर है।
मौका लालू यादव की बेटी राजलक्ष्मी और मुलायम सिंह यादव के पोते तेजप्रताप की शादी के तिलक समारोह का है। दो दिन से तैयारियों के इंतज़ाम के लिए भागदौड़ कर रहे यूपी पुलिस के डीजी एके जैन कहते हैं, ‘हमने इस शादी की तैयारियों के लिये 2000 से अधिक पुलिस वालों और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की है। इसमें राज्य पुलिस के साथ पीएसी और सीआरपीएफ शामिल हैं।’ शनिवार सुबह पीएम नरेंद्र मोदी खुद वर वधू को आशीर्वाद देने आ रहे हैं, लेकिन सैफई दो दिन से सैफई में सारा प्रशासन झोंक दिया गया है। डीजी ए के जैन पहले प्रधानमंत्री की सुरक्षा को वजह बताते हुये इतने बड़े तामझाम को सही ठहराने की कोशिश करते हैं फिर कहते हैं, ‘देखिये इतने वीआई आते हैं तो पहले से इंतज़ाम करना होता है। हमने कोशिश की है कि केवल रिज़र्व फोर्स को ही इस्तेमाल किया जाये ताकि बाकी ज़िलों पर असर न पड़े।’
शादी के लिये मिनिरल वॉटर की बोतलों से भरे ट्रक आ रहे हैं। जर्मन हैंगर टैंट मंगाया गया है जिस पर आग, बारिश और तूफान का कोई असर नहीं होता। सैफई की हवाई पट्टी व्यस्त है। यहां हेलिपेड और रनवे पर लगातार हेलीकॉप्टर और चार्टेड विमान उतर रहे हैं। ऐसे ही एक चार्टेज विमार पर पहले शरद यादव आते हैं और फिर राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव और उनके बच्चे उतरते हैं। फिर एक और चार्टेज विमान पर मध्य प्रदेश के मंत्री बाबूलाल गौड़ आते हैं। चमचमाती एसयूवी और लक्ज़री सिडान इन मेहमानों को लाने ले जाने में लगी हैं। पुलिस वाले दौड़भाग कर रहे हैं। वो मेहमानों के पैर छूते हैं और उनकी आवभगत में कमी न रह जाये इसलिये आपस में एक दूसरे को समझाते और डांटते हैं।
लोहिया के लोगों की इस खेप के साथ बॉलीवुड के सितारे और उद्योग जगत के कई दिग्गज आ रहे हैं। सैफई की आबादी कुछ हज़ार है लेकिन यहां बीसियों गेस्ट हाउस मेहमानों के स्वागत के लिये बनाये गये हैं। सभी ओवरबुक हैं। इन मेहमानों के साथ आम जनता को जोड़ दें तो कहा जा रहा है एक लाख से अधिक लोग तिलक समारोह के गवाह होंगे।
रात के खाने में दर्जनों लज़ीज़ पकवान हैं। सैकड़ों हलवाई लगे हैं। सारे नेताओं और मेहमानों की पसंद का खयाल खाने में रखा गया है। शिवपाल यादव एक मेहमान से कहते सुनायी देते हैं, ‘कल सुबह आपको कद्दू-छाछ के पराठे खिलायेंगे।’
इसी समारोह में हमारी मुलाकात यूपी सरकार में खादी और ग्रामोद्योग मंत्री नारद राय से हो जाती है जो एक समर्पित और उत्साहित मेज़बान होने का दावा करते हैं। ‘हमारे घर में शादी है। हम किसी की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।’ लेकिन नारद जी लगता नहीं कि लोहिया के अनुयायियों की शादी में खर्च और दिखाया हद से अधिक है। ‘अरे वो ज़माने गये। अब उस तरह की ज़िंदगी नहीं जी जा सकती। ज़माने के साथ चलता पड़ता है। कुछ मजबूरियां होती हैं।’
नारद राय हमारे सवालों से बचने के लिये मसरूफियत का बहाना कर निकल जाते हैं। पास खड़े अखिलेश सरकार में एक और कैबिनेट मंत्री नारद राय से पूछे जा रहे सवालों से खुश नहीं। वह कहते हैं, ‘ये एक सीधी सादी शादी है। आपको ऐसे सवाल नहीं पूछने चाहिये। घर में शुभ काम हो तो गरीब से गरीब आदमी भी अपनी हैसियत के हिसाब से जमकर खर्च करना चाहता है।
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