मुकुल रॉय ने एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया है. उन्होंने बुधवार को कहा कि मैंने टीएमसी छोड़ दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी उन्हें कोई काम देती है तो वो बीजेपी के लिए काम करेंगे. गौरतलब है कि बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद उन्होंने बीजेपी छोड़कर टीएमसी का दामन थाम लिया था. मुकुल रॉय ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैंने बीजेपी को कभी धोखा नहीं दिया, मेरी तबीयत ठीक नहीं थी इसलिए मैं निष्क्रिय था. हालांकि उन्होंने कहा कि मैंने अभी तक भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मिलने का समय नहीं मांगा है. रॉय ने कहा कि टीएमसी से इस्तीफा देने का कोई सवाल ही नहीं है, मैं टीएमसी में नहीं था, मैंने बीजेपी विधायक के रूप में इस्तीफा नहीं दिया है.
"मैं बीजेपी के साथ रहना चाहता हूं"
मंगलवार रात उन्होंने (रॉय ने) कहा था कि वह अब भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक हैं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलना चाहते हैं क्योंकि भाजपा में लौटने के इच्छुक हैं. रॉय सोमवार रात ‘‘कुछ निजी काम'' से दिल्ली गए थे, हालांकि शुरू में उनके परिवार ने दावा किया था कि वह ‘‘लापता'' हो गए हैं. परिवार ने दावा किया कि उनकी ‘‘मानसिक स्थिति ठीक'' नहीं है और कहा कि भाजपा को टीएमसी नेता का इस्तेमाल कर गंदी राजनीति नहीं करनी चाहिए, जो कि अस्वस्थ हैं.
"मैं एक भाजपा विधायक हूं"
मंगलवार शाम को एक बंगाली समाचार चैनल से रॉय ने कहा था कि मैं एक भाजपा विधायक हूं. मैं भाजपा के साथ रहना चाहता हूं. पार्टी ने मेरे यहां ठहरने के लिए इंतजाम किए हैं. मैं अमित शाह से मिलना चाहता हूं और जे पी नड्डा से बात करना चाहता हूं.''तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्य रहे रॉय 2017 में भाजपा में शामिल हुए थे. 2021 में उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की थी. हालांकि, इसके तुरंत बाद वह विधानसभा से इस्तीफा दिए बिना तृणमूल कांग्रेस में वापस आ गए.
2017 में भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे मुकुल रॉय
रॉय टीएमसी नेतृत्व से मतभेदों के बाद 2017 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे. उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था. रॉय ने भाजपा के टिकट पर 2021 का विधानसभा चुनाव जीता था लेकिन वह नतीजों की घोषणा के करीब एक माह बाद टीएमसी में लौट आए थे. टीएमसी में लौटने के बाद से ही वह जनता की नजरों से दूर रहे हैं. उन्होंने अपनी खराब सेहत का हवाला देते हुए पिछले साल पश्चिम बंगाल विधानसभा में लोक लेखा समिति के अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था.
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