राज्यसभा में गो रक्षा से जुड़े मुद्दे पर सरकार को विपक्ष के बीच तीखी तकरार की नौबत आई।
नई दिल्ली:
बीफ की अफवाह के चलते मध्यप्रदेश में गुस्साई भीड़ द्वारा दो मुस्लिम महिलाओं पर हमला करने का वीडियो सामने आने का मामला बुधवार का संसद में गूंजा। इस मुद्दे पर संसद में पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी तकरार हुई।
उत्तर प्रदेश की वरिष्ठ राजनेता मायावती ने मामले में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से मुखातिब होते हुए सवाल दागा, 'श्रीमान नकवी, मैं आपसे पूछना चाहती हूं। आपके समुदाय की महिलाओं पर हमला किया जा रहा है। सदन में आपको जवाब देना चाहिए। गो संरक्षण के नाम पर मुस्लिम महिलाओं पर हमला किया जा रहा है। यह शर्मनाक और अस्वीकार्य है।'
यूपी की पूर्व सीएम ने कहा, 'बीजपी एक तरफ तो बालिकाओं को संरक्षण देने की बात करती है, वहीं उसके शासित राज्य में महिलाओं की पिटाई की जा रही है।' इस दौरान विपक्षी सांसदों ने सरकार के दलित और महिला विरोधी होने के नारे लगाए। मायावती के सवाल पर नकवी ने कहा, 'हमारा मानना है कि देश संविधान और कानून से चलता है, डंडे से नहीं। ऐसी कोई भी घटना निंदनीय और अस्वीकार्य है। राज्य सरकार ने इस बारे में कार्रवाई की है।'
विपक्ष के एक बार फिर इसका विरोध किया। विपक्ष का कहना था कि जिन महिलाओं पर हमला किया गया उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उग्र भीड़ या उन पुलिस वालों पर कार्रवाई नहीं हुई, जो घटना के समय मौजूद थे लेकिन महिलाओं को बचाने के लिए कुछ नहीं किया। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'हम गो रक्षा के खिलाफ नहीं है, लेकिन इसकी आड़ में दलितों और अल्पसंख्यकों को निशाना नहीं बनाया जा सकता।'
गौरतलब है कि गो रक्षा कार्यकर्ताओं की अगुवाई वाली भीड़ ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के मंदसौर के रेलवे स्टेशन पर दो मुस्लिम महिलाओं को बुरी तरह पीटा और उन्हें अपशब्द कहे। मोबाइल फोन से तैयार वीडियो में दिख रहा है कि इस मौके पर मौजूद लोगों ने इन महिलाओं के बचाव में कुछ नहीं किया। यहां तक कि पुलिसकर्मी भी भीड़ को नियंत्रित करने के 'आधे-अधूरे प्रयास' करते नजर आए। इन महिालाओं को 30 किलो मांस लेकर चलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि स्थानीय डॉक्टरों के अनुसार यह मांस गाय का नहीं बल्कि भैंस का था।
उत्तर प्रदेश की वरिष्ठ राजनेता मायावती ने मामले में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से मुखातिब होते हुए सवाल दागा, 'श्रीमान नकवी, मैं आपसे पूछना चाहती हूं। आपके समुदाय की महिलाओं पर हमला किया जा रहा है। सदन में आपको जवाब देना चाहिए। गो संरक्षण के नाम पर मुस्लिम महिलाओं पर हमला किया जा रहा है। यह शर्मनाक और अस्वीकार्य है।'
यूपी की पूर्व सीएम ने कहा, 'बीजपी एक तरफ तो बालिकाओं को संरक्षण देने की बात करती है, वहीं उसके शासित राज्य में महिलाओं की पिटाई की जा रही है।' इस दौरान विपक्षी सांसदों ने सरकार के दलित और महिला विरोधी होने के नारे लगाए। मायावती के सवाल पर नकवी ने कहा, 'हमारा मानना है कि देश संविधान और कानून से चलता है, डंडे से नहीं। ऐसी कोई भी घटना निंदनीय और अस्वीकार्य है। राज्य सरकार ने इस बारे में कार्रवाई की है।'
विपक्ष के एक बार फिर इसका विरोध किया। विपक्ष का कहना था कि जिन महिलाओं पर हमला किया गया उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उग्र भीड़ या उन पुलिस वालों पर कार्रवाई नहीं हुई, जो घटना के समय मौजूद थे लेकिन महिलाओं को बचाने के लिए कुछ नहीं किया। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'हम गो रक्षा के खिलाफ नहीं है, लेकिन इसकी आड़ में दलितों और अल्पसंख्यकों को निशाना नहीं बनाया जा सकता।'
गौरतलब है कि गो रक्षा कार्यकर्ताओं की अगुवाई वाली भीड़ ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के मंदसौर के रेलवे स्टेशन पर दो मुस्लिम महिलाओं को बुरी तरह पीटा और उन्हें अपशब्द कहे। मोबाइल फोन से तैयार वीडियो में दिख रहा है कि इस मौके पर मौजूद लोगों ने इन महिलाओं के बचाव में कुछ नहीं किया। यहां तक कि पुलिसकर्मी भी भीड़ को नियंत्रित करने के 'आधे-अधूरे प्रयास' करते नजर आए। इन महिालाओं को 30 किलो मांस लेकर चलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि स्थानीय डॉक्टरों के अनुसार यह मांस गाय का नहीं बल्कि भैंस का था।
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