
- दमोह जिले के सतारिया गांव में जातीय दबाव में युवक को ब्राह्मण के पैर धोकर पानी पीने को मजबूर किया गया.
- युवक ने एक ब्राह्मण की अपमानजनक AI तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी, जिससे विवाद बढ़ गया.
- पंचायत ने उसे ब्राह्मण युवक के पैर धोकर पानी पीने और माफी मांगने की अपमानजनक सजा दी.
मध्य प्रदेश के दमोह जिले के पतेरा ब्लॉक के सतारिया गांव से इंसानियत को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है. एक युवक को कथित तौर पर जातीय दबाव में न सिर्फ अपमानित किया गया, बल्कि उसे ब्राह्मण युवक के पैर धोकर पानी पीने को मजबूर भी किया गया. यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई. वीडियो वायरल होते ही पूरे इलाके में हलचल मची हुई है. कुशवाहा समाज के परसोत्तम कुशवाहा को ब्राह्मण समाज के अन्नू पांडे के पैर धुला पानी पीने और पूरे समाज से माफ़ी मांगने को मजबूर किया गया. इतना ही नहीं उससे 5100 का जुर्माना भी वसूला गया.
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क्यों पीना पड़ा ब्राह्मण के पैर धुला पानी?
मामला गांव में लागू शराबबंदी से जुड़ा है. दरअसल गांव वालों ने सर्वसम्मति से शराबबंदी का फ़ैसला लिया था. लेकिन आरोप है कि अन्नू पांडे चोरी-छिपे शराब बेच रहा था. पकड़े जाने पर गांव की पंचायत ने उसे पूरे गांव से माफी मांगने और 2100 का जुर्माना भरने की सजा दी, जिसे अन्नू पांडे ने यह सज़ा स्वीकार कर ली.
शर्मनाक! पैर नहीं, इंसानियत धुली है!
— NDTV India (@ndtvindia) October 12, 2025
मध्य प्रदेश के दमोह जिले के पटेरा ब्लॉक के सतरिया गांव का एक मामला मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाला है. यहां कुशवाहा समाज के एक युवक को सजा के तौर पर अर्थदंड के साथ ब्राह्मण समाज के युवक के पैर धोकर पानी पीने को कहा गया. वीडियो वायरल होने… pic.twitter.com/OSvAIhyQI8
लेकिन कुछ दिन बाद, परशुराम कुशवाहा ने अन्नू की एक AI से बनी तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी, जिसमें अन्नू को जूतों की माला पहने दिखाया गया था. तस्वीर वायरल होते ही विवाद भड़क गया. परशुराम ने तस्वीर 15 मिनट के भीतर हटा दी और माफ़ी मांग ली, पर तब तक मामला ब्राह्मण समाज के अपमान के रूप में फैल चुका था.
ब्राह्मण समुदाय ने दी अपमानजनक सजा
इसके बाद गांव और आसपास के इलाक़े के ब्राह्मण समुदाय के लोग एकजुट हुए और पंचायत बुला ली. पंचायत ने परशुराम को ‘प्रायश्चित' के नाम पर अपमानजनक सजा दी. उसे ब्राह्मण युवक के पैर धोकर पानी पीने और पूरे समुदाय से माफ़ी मागंने के लिए मजबूर किया गया. इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें घुटनों पर झुका परशुराम अन्नू पांडे के पैर धोते देखा जा सकता है.

मामले को आपसी बताकर दबाने की कोशिश
वीडियो वायरल होने के बाद अब दोनों पक्ष इसे आपसी मामला बताकर दबाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं पीड़ित परसोत्तम कुशवाहा ने वीडियो जारी कर कहा है कि अन्नू पांडे उनके पारिवारिक गुरू हैं. उनके खिलाफ कोई भी वीडियो को वायरल ना करे. कुछ लोग इसे सामाजिक मुद्दा बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि अपनी गलती के लिए वह माफी मांग चुके हैं, इसे राजनीतिक मुद्दा ना बनाया जाए. उन्होंने एसपी-कलेक्टर और थाना प्रभारी से गुजारिश करते हुए कहा कि उनके वायरल वीडियो को हटाया जाए.
परसोत्तम का कहना है कि अन्नू पांडे और उनका गुरू शिष्य का रिश्ता है, जिसकी वजह से उन्होंने अपनी इच्छा से उनके पैर धोकर माफी मांगी थी. लेकिन अगर किसी को दुख पहुंचा है तो वह माफी मांगते हैं.
पुलिस को अब तक नहीं मिली शिकायत
पुलिस और प्रशासन अब तक औपचारिक शिकायत का इंतज़ार कर रहा है. दमोह पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि अब तक मामले में कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है, लेकिन वीडियो की जांच की जा रही है. यह घटना उस समय सामने आई है, जब राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2023 की रिपोर्ट बताती है कि देश में अनुसूचित जातियों के खिलाफ अपराध के 57,789 मामले दर्ज हुए, जिनमें मध्य प्रदेश 8,232 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर है.
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