मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पूर्ववर्ती कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को कथित तौर पर गिराने संबंधी वायरल ऑडियो क्लिप का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मुद्दे पर हमलावर रुख अख्तियार करते हुए कांग्रेस सड़क पर उतर आई है. शीर्ष बीजेपी नेतृत्व की शह पर कमलनाथ की पूर्व कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को इंदौर में प्रदर्शन किया. इस दौरान कांग्रेस नेताओं की प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बहस भी हुई. प्रदर्शन में शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल, विधायक संजय शुक्ला सहित कई नेता विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए.
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की एक कथित ऑडियो क्लिप वायरल हुई है जिसमें वो इंदौर के सांवेर विधानसभा क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे हैं. क्लिप में चौहान को यह कहते हुए सुना गया है, "केन्द्रीय नेतृत्व ने तय किया कि सरकार गिरनी चाहिये नहीं तो ये बर्बाद कर देगी, तबाह कर देगी और आप बताओ ज्योतिरादित्य सिंधिया और तुलसी भाई के बिना सरकार गिर सकती थी? और कोई तरीका नहीं था. कांग्रेस कह रही है धोखा तुलसी सिलावट ने न दिया, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने न दिया, धोखा कांग्रेस ने दिया.'' एनडीटीवी इस ऑडियो क्लिप की पुष्टि नहीं करता है. ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी. कांग्रेस प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'बीजेपी शुरू से ही कांग्रेस के इन आरोपों को नकारती रही. जबकि पूरे प्रदेश ने देखा कि जो विधायक बेंगलुरु में बंधक बनाए गए थे, उनके साथ बीजेपी के नेता मौजूद थे. उनकी तस्वीरें भी कई बार सामने आई, लेकिन कल तो प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद इंदौर के रेसीडेंसी कोठी में सांवेर के कार्यकर्ताओं की एक बैठक में सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार कर कांग्रेस के उन आरोपों पर मोहर लगा दी है. इससे इस बात की भी पुष्टि हो गई है बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व भी इस साजिश व षड्यंत्र में शामिल था और जानबूझकर कांग्रेस सरकार को गिराया गया.'
बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और अन्य वरिष्ठ नेता बार बार कहते रहे हैं कि बीजेपी की मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के पतन में कोई भूमिका नहीं थी.शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी ने मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की मदद से सरकार बनाई है, जिन्होंने मार्च में कांग्रेस से बीजेपी में प्रवेश किया था. सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने और 22 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल होने के बाद कमलनाथ सरकार का पतन हो गया.
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