भारतीय अर्थव्यवस्था के और सुस्त होने का अंदेशा बढ़ता जा रहा है. सोमवार को अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने 2019-20 के लिए भारत की जीडीपी विकास दर 5.8% से घटाकर 4.9% कर दी है. पहले विकास दर में गिरावट निवेश में कमी की वजह से थी, अब खपत भी काफी घट गई है. कृषि क्षेत्र में मज़दूरी की वृद्धि दर घटने से ग्रामीण परिवारों में वित्तीय संकट बढ़ गया है. वहीं, सख्त श्रम कानूनों की वजह से रोज़गार के नए अवसर घटते जा रहे हैं.
ADB ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 5.1 प्रतिशत किया
साफ है, कमज़ोर पड़ती अर्थव्यवस्था मोदी सरकार के सामने बड़ी चुनौती बन चुकी है. सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी आर्थिक सलाहकार परिषद की बैठक कर गिरती अर्थ्व्यवस्था को रोकने के उपायों पर करीब सवा घंटे चर्चा की. मूडीज ने ये आंकड़े उस दिन जारी किए जिस दिन वित्त मंत्री ने बजट 2020 पर बजट पूर्व परामर्श की प्रक्रिया शुरू की.
भारत की आर्थिक विकास दर रहेगी 5.1 प्रतिशत के करीब, क्रिसिल का अनुमान
बैठक के बाद वित्त सचिव राजीव कुमार ने कहा, 'NBFCs से जुड़े मुद्दे, KYC के नियमों को सरल बनाने से लेकर टैक्स से जुड़े मसलों पर चर्चा हुई. हम इन सुझावों की समीक्षा करेंगे.' बैठक में NBFC सेक्टर पर संकट, बैंकों से क्रेडिट ऑफटेक बढ़ाने जैसे कई मसलों पर चर्चा हुई. सेक्टर के प्रतिनिधियों ने टर्म इन्शयोरेन्स पर GST रेट घटाने जैसी मांगें रखीं.
प्रियंका गांधी का निशाना, मोदी सरकार ने अपनी नाकामी की वजह से अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया
साफ है, कमज़ोर पड़ती अर्थव्यवस्था को फिर से रास्ते पर लाने की जद्दोजहद में जुटीं वित्त मंत्री के सामने बजट 2020 में सबसे बड़ी चुनौती मंदी की आहट को रोकने की होगी.
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