दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर इलाकों में देर रात को हुई बारिश से मौसम सुहावना हो गया है. पिछले दिनों से लगभग पूरा उत्तर भारत सूरज की तपिश झेल रहा था. लेकिन देर रात हुई बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत दिला दी है. दिल्ली-एनसीआर में सुबह में भी हल्की बारिश हो रही है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को कहा कि धीमी शुरुआत के बाद मॉनसून तेजी से आगे बढ़ा है और महाराष्ट्र, पूरे कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों और हरियाणा के कुछ हिस्सों में दस्तक दे चुका है.
आईएमडी के एक अधिकारी ने बताया कि अगले दो दिन के भीतर मॉनसून के दिल्ली और मुंबई दोनों में एक ही समय पर पहुंचने का अनुमान है. आमतौर पर मॉनसून एक जून तक केरल, 11 जून तक मुंबई और 27 जून तक राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंच जाता है. हालांकि मॉनसून ने लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर के एक बड़े हिस्से सहित उत्तर भारत के एक बड़े हिस्से में तय समय पर दस्तक दे दी है, लेकिन यह वर्तमान में मध्य भारत के एक बड़े हिस्से में अपने निर्धारित समय से 10-12 दिन पीछे है. आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डी. एस. पई ने बताया कि चक्रवात ‘बिपारजॉय' ने दक्षिण भारत और देश के पश्चिमी और मध्य भागों में मानसून की प्रगति को प्रभावित किया है.
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ने कहा, ‘‘मॉनसून कल (रविवार) तक पूरे महाराष्ट्र और गुजरात तथा राजस्थान के कुछ हिस्सों में दस्तक दे सकता है.'' आईएमडी ने एक बयान में कहा, ‘‘मुंबई, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर और लद्दाख सहित महाराष्ट्र के ज्यादातर हिस्सों, चंडीगढ़, दिल्ली सहित हरियाणा के अधिकांश हिस्सों, गुजरात के कुछ हिस्सों, पूर्वी राजस्थान और पंजाब में अगले दो दिन के दौरान मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं.'' मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 30 जून, 2021 में 13 जुलाई, 2020 में 25 जून, 2019 में पांच जुलाई और 2018 में 28 जून को मॉनसून ने राष्ट्रीय राजधानी में दस्तक दे दी थी.
यह मुंबई में पिछले साल 11 जून को, 2021 में नौ जून को, 2020 में 14 जून को तथा 2019 में 25 जून को आया था. इस साल, मॉनसून अपनी सामान्य तारीख एक जून से एक सप्ताह बाद आठ जून को केरल पहुंचा था। यह केरल में पिछले साल 29 मई, 2021 में तीन जून, 2020 में एक जून, 2019 में आठ जून और 2018 में 29 मई को पहुंचा था. शोध से पता चलता है कि केरल में मॉनसून के आगमन में देरी का मतलब उत्तर पश्चिमी भारत में मॉनसून के आगमन में देरी नहीं है तथा साथ ही, इसका देशभर में होने वाली कुल वर्षा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.
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