सूत्रों की मानें तो मोदी सरकार भारत-चीन गतिरोध (India-China stand-off) पर संसद (Parliament) में बयान दे सकती है. कल शुरू हो रहे मानसून सत्र से पहले ये जानकारी सामने आई है. आगामी सत्र के एजेंडे पर आज संसद की समिति की बैठक में यह मामला उठाया गया. वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ गतिरोध को लेकर राहुल गांधी समेत कांग्रेस नेताओं द्वारा लगातार मोदी सरकार पर हमले हो रहे हैं.
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पैंगॉन्ग झील और कई अन्य क्षेत्रों में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों की आक्रामकता बढ़ी है. 15 जून को, लद्दाख में तैनात 20 भारतीय सैनिकों ने जान गंवाई थी , भारत-चीन सीमा पर ऐसी घटना चार दशकों में पहली बार हुई थी. पिछले दो हफ्तों में, चीनी सैनिकों ने लद्दाख के पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी तट पर आक्रामकत दिखाई. लेकिन भारत LAC पर "यथास्थिति को बदलने के लिए इन कोशिशों को रोकने में कामयाब रहा. विदेश मंत्रालय ने कहा कि सैनिकों के बीच कोई झड़प नहीं हुई थी.
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31 अगस्त को भारतीय सैनिक चीनी सैनिकों से घिरे गए थे. दरअसल चीनी सैनिक उस पोजीशन पर कब्जा करना चाहते थे जहां पहले से भारतीय सेना मजबूत स्थिति में है. परिस्थितियों को देखते हुए, सरकार के लिए इस मुद्दे पर चर्चा से बचना मुश्किल हो गया है.
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